इससे घृणित कुछ भी नहीं; संदेशखाली विवाद पर भड़के मिथुन चक्रवर्ती, लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
मिथुन चक्रवर्ती ने संदेशखाली विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली की घटना राजनीति से परे हैं। इसे लेकर किसी तरह की सियासत नहीं होनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली विवाद को लेकर अनुभवी अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि अत्याचारों को दूर करने के लिए राजनीतिक दलों को मतभेदों से ऊपर उठने की जरूरत है। वहीं भाजपा सांसद बृज लाल ने कहा कि बंगाल में हो रहे अत्याचार ममता दीदी की मनमानी का स्पष्ट प्रतीक है। मीडिया से बातचीत के दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने यह भी संकेत दिया कि वह आने वाले लोकसभा चुनाव में बतौर उम्मीदवार हिस्सा लेंगे या नहीं।
मिथुन चक्रवर्ती का ममता सरकार पर निशाना
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मिथुन चक्रवर्ती ने संदेशखाली विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "इससे अधिक घृणित बात नहीं हो सकती। महिलाओं के साथ आप ऐसे खेल खेल रहे हैं? यह अविश्वसनीय है। हम सभी राजनीति करते हैं, लेकिन यह राजनीति से परे है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हम सभी की जिम्मेदारी है हमारी आवाज उठाएं और सुनिश्चित करें कि उन्हें यह कष्ट न सहना पड़े।"
मिथुन चक्रवर्ती लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
मिथुन चक्रवर्ती साल 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे, तब से ऐसी अटकलें थीं कि वह साल 2024 की लोकसभा चुनाव में बतौर उम्मीदवार हिस्सा लेंगे। टीवी9 की रिपोर्ट की मानें तो मिथुन चक्रवर्ती ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। जब मिथुन चक्रवर्ती से पूछा गया कि क्या वह लोकसभा चुनाव में बतौर उम्मीदवार हिस्सा लेंगे? इसके जवाब में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह देने वालों में से हैं लेने वालों में से नहीं! उन्होंने कहा पहले ही उम्मीदवार बनने के प्रस्तावों को ठुकरा दिया था। मिथुन चक्रवर्ती का कहना है कि एक उम्मीदवार के तौर पर किसी बंधन से बंध कर नहीं रहना चाहते हैं।
संदेशखाली का दौरा करने वाले बीजेपी सांसद और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बृज लाल ने कहा, "यह ममता बनर्जी की तानाशाही है। यहां दो केंद्रीय मंत्री और चार सांसद हैं। इसमें पांच महिलाएं हैं और इसके बावजूद हमें इसमें रोका जा रहा है।" ममता बनर्जी चाहती हैं कि हम वहां (संदेशखाली) न जाएं। यह पश्चिम बंगाल में हो रहे अत्याचार और ममता दीदी की मनमानी का स्पष्ट प्रतीक है। यह बहुत दुखद है।''
संदेशखाली में महिलाएं अपने ऊपर हुए कथित अत्याचारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से आवाज उठा रही हैं। भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की छह सदस्यीय समिति का गठन किया, जिन्हें संदेशखाली का दौरा करने और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा की कथित घटनाओं पर तथ्य इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है।