ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशट्रेसिंग एप से निजता उल्लंघन के मुद्दे पर दुनिया में एक राय नहीं

ट्रेसिंग एप से निजता उल्लंघन के मुद्दे पर दुनिया में एक राय नहीं

भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार आरोग्य एप पर विवाद के बीच दुनिया के कई देश एप आधारित ट्रैकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ सरकारों को लगता है कि इस वक्त बड़ी चुनौती को देखते हुए निजता के...

ट्रेसिंग एप से निजता उल्लंघन के मुद्दे पर दुनिया में एक राय नहीं
नई दिल्ली, पंकज कुमार पाण्डेयMon, 04 May 2020 06:03 AM
ऐप पर पढ़ें

भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार आरोग्य एप पर विवाद के बीच दुनिया के कई देश एप आधारित ट्रैकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ सरकारों को लगता है कि इस वक्त बड़ी चुनौती को देखते हुए निजता के मुद्दे को तूल देना ठीक नहीं है। वहीं भारत सहित कई सरकारें अपने लोगों को निजता का उल्लंघन न होने को लेकर आश्वस्त कर रही हैं लेकिन बहस पूरी दुनिया में हो रही है।

टेक दिग्गज मुहिम में शामिल : दुनिया के टेक दिग्गज अलग-अलग तरीकों से संपर्क ट्रेसिंग प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को खतरे से आगाह करना है। लोगों को संक्रमण खतरे को सूचित करने के लिए वायरलेस संकेतों का उपयोग किया जा रहा है। अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति से मिला है या उन इलाकों में जाता है तो उसे एप पर आगाह किया जाता है।

गूगल, एपल भी कर रहे बड़ी पहल: गूगल और एपल ने इस दिशा में बड़ी शुरुआत की है। इसका उद्देश्य दुनियाभर में स्वास्थ्य अधिकारियों को 'ट्रैक-एंड-ट्रेस टूल' देना है। एपल और गूगल ने जोर दिया है कि उनकी तकनीक सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए ऑफ-लिमिट होगी।

यूके पक्ष में, जर्मनी में चिंता : यूके ने एप के जरिये केंद्रीकृत डेटाबेस के पक्ष में राय जाहिर की है जबकि जर्मनी में निजता और गोपनीयता को लेकर बहस चल रही है। एक सर्वेक्षण में पाया गया कि दो-तिहाई ब्रिटेन के लोग महामारी से निपटने के लिए सरकारी फोन ट्रैकिंग के पक्ष में हैं। फ्रांसीसी सरकार ब्लूटूथ उपयोग पर अपनी स्थिति को लचीला बनाने के लिए दो फर्मों पर दबाव डाल रही है।

ऑस्ट्रेलिया ने भी शुरू किया : ऑस्ट्रेलिया ने एक संपर्क ट्रेसिंग एप लॉन्च किया। इसे पुश और रिफ्रेश करने पर उपयोगकर्ताओं को उनके संपर्क और खतरों से आगाह किया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में एप शुरू होने के कुछ ही घंटों में दो मिलियन (20 लाख) से ज्यादा लोगों ने इसे डाउनलोड कर लिया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें