'सबरीमाला मंदिर जाने वाली महिलाओं के लिए नहीं दी जाएगी कोई सुरक्षा'
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मामले को दायर पुनर्विचार याचिका को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। ऐसे में केरल की वाम सत्ताधारी सरकार ने शुक्रवार...
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मामले को दायर पुनर्विचार याचिका को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। ऐसे में केरल की वाम सत्ताधारी सरकार ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर में प्रवेश के लिए जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा देने का कोई प्लान नहीं हैं। राज्य में मंदिर से जुड़े मंत्री काडाकंपाली सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार महिलाओं को गेट तोड़कर मंदिर में घुसने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगी।तिरुवनंतपुरम में सुरेंद्रन ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि मंदिर को यथास्थिति बनाए रखा जाए। सरकार शांति चाहती है।
मामला बड़ी बेंच को सौंपे जाने के बाद अब इस मामले की सुनवाई 7 जजों की बेंच करेगी। कोर्ट ने कहा कि धर्म के सर्वमान्य नियमों के मुताबिक ही परंपरा होनी चाहिए। मामले पर फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने कहा कि धार्मिक प्रथाओं को सार्वजनिक आदेश, नैतिकता और भाग 3 के अन्य प्रावधानों के खिलाफ नहीं होना चाहिए। CJI ने कहा, पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश केवल इस मंदिर तक सीमित नहीं है। सबरीमला मंदिर पर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि याचिकाकर्ता धर्म और आस्था पर बहस फिर शुरू करना चाहते हैं।
Kerala Devaswom Board Minister K Surendran: State government won't provide protection to any woman visiting Sabarimala Temple. Activists like Trupti Desai shouldn't see Sabarimala as a place to show their strength. If she needs police protection, she should get an order from SC. pic.twitter.com/0wecBgOsgc
— ANI (@ANI) November 15, 2019
यह मामला 3-2 के बहुमत से बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच कर रही थी। जस्टिस फली नरीमन और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अलग से इस निर्णय के खिलाफ अपना फैसला दिया है। जबकि सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस खानविलकर ने बहुमत में फैसला दिया है। बता दें कि सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका लगाई गई थी जिसपर आज फैसला आया है।