केंद्रीय मंत्री की दो टूक : अनुच्छेद-370 पर पुनर्विचार की गुंजाइश नहीं
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर पुनर्विचार की गुंजाइश से इनकार किया। उन्होंने...
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर पुनर्विचार की गुंजाइश से इनकार किया।
उन्होंने रविवार को कहा, ‘एक चीज स्पष्ट है कि अनुच्छेद-370 हटा दिया गया है। अब यह वापस नहीं आने जा रहा। हर कोई जानता है कि मोदी सरकार पूरी तरह सोच-समझकर निर्णय करती है। इसमें फैसला होने के बाद ‘रीथिंक (पुनर्विचार)’ नहीं होता।’
नकवी ने अनुच्छेद-370 पर हंगामे को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा। कहा, ‘विपक्ष के हमारे कुछ मित्रों को लगा था कि अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करते ही देश में आग लग जाएगी। हालांकि इसका उल्टा देखने को मिला। भारत के हर कोने में फैसले का स्वागत हुआ।
विकास की राह में सबसे बड़ा रोड़ा
केंद्रीय मंत्री ने अनुच्छेद-370 को जम्मू-कश्मीर में विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया। उन्होंने कहा, ‘अनुच्छेद-370 ने जम्मू-कश्मीर को कुछ नहीं दिया। इसके चलते क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, मानवाधिकार, अल्पसंख्यक और बाल अधिकार सहित कई अन्य विषयों से जुड़े सौ से अधिक कानून प्रभावी नहीं थे। लिहाजा वहां के लोगों को भी एहसास हुआ कि संविधान का यह प्रावधान उनके विकास में बाधक है। यही वजह है कि इसे हटाने के कई दिन बाद भी एक गोली तक नहीं चली।’
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने घाटी में लगी पाबंदियों को दुष्प्रचार रोकने का जरिया बताया। उन्होंने कहा, ‘मुट्ठी भर अलगाववादी लोगों को गुमराह करना चाहते हैं। सुरक्षा से जुड़े कदम उठाए गए हैं, ताकि वे उनके दिमाग में जहर न भर सकें।'
28 को घाटी पहुंचेंगे अफसर
नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय की एक टीम 27-28 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दौरे पर जाएगी। इस दौरान वह क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास की संभावना तलाशेगी। साथ ही उन इलाकों की पहचान करेगी, जहां अल्पसंख्यकों से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन होना है।