एमएसएमई सेक्टर की दिक्कतों पर बोले गडकरी- हम 5 L में कर रहे हैं सुधार
केंद्रीय सड़क परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने हिन्दुस्तान को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा है कि एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए हम लैंड लेबर, लॉजिस्टिक्स, लिक्विडिटी और लॉ में सुधार...
केंद्रीय सड़क परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने हिन्दुस्तान को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा है कि एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए हम लैंड लेबर, लॉजिस्टिक्स, लिक्विडिटी और लॉ में सुधार कर रहे हैं। उन्होंने एमएसमई सेक्टर की परिभाषा में बदलाव को बड़ा कदम बताते हुए कहा कि इससे छोटे उद्योगों को काफी फायदा होगा। योजनाओं के लागू नहीं हो पाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह खुद सभी की समीक्षा कर रहे हैं।
लोन बांटने में बैंकों के नियम-शर्तें थोपने को लेकर गडकरी ने कहा, ''तीन लाख करोड़ रुपए गारंटी मुक्त ऋण देने की बात थी उसमें से एक लाख करोड़ रुपए के ऋण मंजूर हुए हैं और करीब 40 हजार करोड़ रुपए लोगों को दिए जा चुके हैं। इसमें नियम हैं कि इसमें गारंटी मुक्त 20 फीसदी अतिरिक्त लोन मिलेगा और इसमें जिनका टर्म लोन 25 करोड़ है और वर्किंग कैपिटल 100 करोड़ रुपए है, उनको मिलेगा ऐसा कहा था। बाद में बैंकों ने इसमें कई नियम जोड़ दिए। इससे दिक्कतें हुई हैं, मैंने वित्त मंत्री जी से कहा है। हम लोग इसे दूर कर रहे हैं। हमारी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, एनबीएफसी, निजी बैंक आदि ने भी अलग-अलग प्रकार के ऋण दिए हैं, इन्हें भी इसके तहत लाया जाना चाहिए, इसके लिए हमने वित्त मंत्री से बात की है।''
गडकरी ने आगे कहा कि फंड ऑफ फंड, 50 हजार करोड़ रुपए का है, इसकी गाइडलाइंस तैयार हो गई है। जिस एमएसएमई का टर्नओवर अच्छा है और रिकॉर्ड अच्छा है, उनके लिए एक ऑटोनॉमस बॉडी बनाई है, जो इन्हें सिलेक्ट करके कैपिटल मार्केट में जाएंगे और इन्हें 15 करोड़ रुपए तक इक्विटी देंगे, उन्हें विदेशी निवेशक मिलेंगे। इससे एक नया मार्ग खुल जाएगा।
एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदले जाने को लेकर उन्होंने कहा, ''हमने एमएसएमई की परिभाषा बदल दी है। यह इतना महत्वपूर्ण है कि पूरे देश में इसे बड़े पैमाने पर मान्यता मिली है। पहले सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अलग थे, अब एक कर दिया है। माइक्रो में इन्वेस्टमेंट 25 लाख की थी इसे 1 करोड़ कर दिया है। टर्नओवर 10 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दिया है। स्मॉल में निवेश 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ और टर्नओवर को 2 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ कर दिया है। मीडियम में निवेश को 10 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ कर दिया है और टर्नओवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 250 करोड़ कर दिया है। परिभाषा बदलने से एमएसएमई सेक्टर को काफी फायदा मिलेगा। यह 1 जुलाई से लागू हो गया है।''
एक अन्य सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ''लैंड लेबर, लॉजिस्टिक्स, लिक्विडिटी और लॉ, ये 5 एल हैं, इनमें कुछ तकनीकी दिक्कतें होती हैं। लैंड के लिए हम सुधार करते हुए पूरे सिस्टम को डिजिटल कर रहे हैं। देश में एमएसएमई सेक्टर के लिए कहां-कहां लैंड उपलब्ध है वह सब एक क्लिक में मिल जाएगा। 25-30 दिन में सब क्लियरेंस मिल जाएंगे। पर्यावरण मंत्रालय से मैंने कहा है कि सेल्फ असेसमेंट का सिस्टम लाया जाए कि यदि कोई फैक्ट्री प्रदूषण फैलाती है तो 25 लाख फाइन करेंगे और दूसरे बार भी नियम तोड़ेंगे तो तीन दिन की जेल होगी। नियम कड़े कर देंगे तो लोग खुद असेसमेंट करेंगे। लॉ और बैंकिंग सिस्टम में भी हम बदलाव करेंगे। आपको बैंक में आए बिना लोन मिल जाएगा। आने वाले समय में ये बदलाव होंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हमने अच्छा काम किया है, कुछ और करने की जरूरत है जो हम करेंगे।''