नीति आयोग ने यमुना नदी प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव दिया है। इसका मकसद नदी की सफाई के लिए विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों में तालमेल और उन्हें एकजुट करना होगा। आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को यह बात कही।
राजीव कुमार ने कहा कि यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अगर कदम नहीं उठाए जाते तो दिल्ली को केप टाउन जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
दक्षिण अफ्रीका का तटवर्ती शहर केप टाउन 2015 से जल संकट से जूझ रहा है। अटल इनोवेशन मिशन के 'अटल न्यू इंडिया चैलेंज' कार्यक्रम शुरू किए जाने के मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि मुझे नहीं पता कि हममें से कितने इस बात से अवगत हैं कि हम इस शहर में कितने गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं। यमुना नदी की क्या स्थिति है और भूमिगत जल की स्थिति कितनी खराब हो चुकी है।
Recharging of ground water, ensuring water supply, making the technology affordable & accessible are some of the major challenges which should be address through #ANIC: MoS @SSAhluwaliaMP at the launch of Atal New India Challenge #NayiNITINayiDishaNayaBharat pic.twitter.com/13wChvg9FC
— NITI Aayog (@NITIAayog) April 26, 2018
उन्होंने कहा कि यह स्थिति और विकट हो सकती है और मैं कोई बढ़ा-चढ़ाकर बातें नहीं कर रहा। अगले लगभग 15 साल में हम पूरी तरह से जल से महरूम हो सकते हैं। हमें केपटाउन जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। हम कोशिश करेंगे और यमुना नदी प्राधिकरण का गठन करेंगे। इसमें अलग-अलग विभागों के कार्यों को एकजुट किया जाएगा।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। राजीव कुमार ने यह भी कहा कि आयोग फसल उत्पादन लागत में कमी की संभावना तलाशने तथा उत्पादन बढ़ाने को लेकर कृषि क्षेत्र पर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।