ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News देशममता बनर्जी का माइक बंद करने वाला दावा झूठा? निर्मला सीतारमण भड़कीं, पीआईबी फैक्ट चेक भी आया

ममता बनर्जी का माइक बंद करने वाला दावा झूठा? निर्मला सीतारमण भड़कीं, पीआईबी फैक्ट चेक भी आया

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया।

ममता बनर्जी का माइक बंद करने वाला दावा झूठा? निर्मला सीतारमण भड़कीं, पीआईबी फैक्ट चेक भी आया
Niteesh Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 27 Jul 2024 05:12 PM
ऐप पर पढ़ें

क्या नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक बंद कर दिया गया? क्या भाषण के दौरान बीच में ही उन्हें रोक दिया गया? दरअसल, ममता ने आरोप तो यही लगाए हैं। शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की मीटिंग हुई। बंगाल की सीएम बैठक छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि 5 मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक देर तक बोलने की इजाजत दी गई। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से इन आरोपों को गलत बताया जा रहा है। 

ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सीएम बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लिया। हम सभी ने उन्हें सुना। प्रत्येक सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था जो हर टेबल के सामने मौजूद थी। मगर, ममता ने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था। यह पूरी तरह से झूठ है।' उन्होंने कहा कि प्रत्येक मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है। उन्हें सच बोलना चाहिए, बजाय फिर से झूठ पर आधारित एक कथा का निर्माण करना चाहिए।'

पीआईबी फैक्ट चेक में क्या कहा गया? जानें
इस बीच, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो फैक्ट चेक का दावा भी सामने आ गया है। इसमें कहा गया कि ममता बनर्जी का आरोप भ्रामक है। यह दावा किया जा रहा है कि 9वीं गवर्निंग काउंसिल के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया। PIB की ओर से कहा गया कि इस तरह का दावा भ्रामक है। घड़ी लगी हुई थी जिसमें यह दिखाया कि उनके बोलने का समय समाप्त हो गया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर पोस्ट किया, 'अल्फाबेट के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की बारी लंच के बाद आनी थी। पश्चिम बंगाल सरकार की अपील को देखते हुए उन्हें 7वें स्पीकर के रूप में मौका मिला, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।'

ममता बनर्जी के दावे को लेकर स्टालिन ने केंद्र को घेरा
बता दें कि बैठक से बाहर आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी। मुझे 5 मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया। यह अनुचित है।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं। मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने ममता बनर्जी के इस दावे को लेकर केंद्र की निंदा की है। स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट में सवाल किया, ‘क्या यही सहकारी संघवाद है? क्या मुख्यमंत्री के साथ व्यवहार करने का यही तरीका है? केंद्र की भाजपा नीत सरकार को यह समझना चाहिए कि विपक्षी दल हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं और उन्हें दुश्मन नहीं समझा जाना चाहिए। सहकारी संघवाद के लिए संवाद और सभी आवाजों का सम्मान जरूरी है।’
(एजेंसी इनपुट के साथ)