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सौगात : निर्यात बढ़ाने से रोजगार के मौके बढ़ेंगे

सरकार ने अर्थव्यवस्था और रोजगार में तेजी लाने के लिए शनिवार को कई अहम घोषणाएं कीं। इसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यातकों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण आवंटन की संशोधित योजना...

सौगात : निर्यात बढ़ाने से रोजगार के मौके बढ़ेंगे
एजेंसी,नई दिल्लीSun, 15 Sep 2019 06:19 AM
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सरकार ने अर्थव्यवस्था और रोजगार में तेजी लाने के लिए शनिवार को कई अहम घोषणाएं कीं। इसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यातकों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण आवंटन की संशोधित योजना (पीएसएल) की घोषणा की।

साथ ही निर्यात से जुड़े छोटे कारोबारियों के लिए सस्ते कर्ज सहित कई तरह की रियायतों का भी ऐलान किया गया। सुस्ती के दौर से गुजर रहे निर्यात क्षेत्र के लिए यह कदम ऑक्सीजन की तरह काम करेगा।

सीतारमण ने कहा कि निर्यातकों को ऋण के लिए पीएसएल नियमों की समीक्षा की जाएगी। दिशानिर्देशों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) और निर्यात ऋण बीमा योजना का दायरा बढ़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस पहल की सालाना लागत 17 सौ करोड़ रुपये आएगी। साथ ही यह ब्याज दर समेत निर्यात ऋण की पूरी लागत को विशेषकर लघु एवं मझोले कारोबारों के लिए कम करने में मदद करेगी। निर्यातकों के संगठन फियो ने वित्तमंत्री के कदम का स्वागत किया है।

सस्ते कर्ज और छूट से निर्यात को मिलेगा दम

1. अंतर-मंत्रालयीय समूह बनेगा
इसके जरिये निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता को बेहतर करने पर ध्यान दिया जाएगा। हस्तशिल्प कारोबारी अब ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खुद को पंजीकृत कराएंगे। 

2. नए साल से आरओडीटीईपी 
बाजार आधारित निर्यात छूट योजना (एमईआईएस) वापस होगी। इसके स्थान पर नई योजना अगले साल से निर्यात उत्पाद पर शुल्क या कर की छूट (आरओडीटीईपी) लागू होगी। 

3. निर्यात पर छूट 31 दिसंबर तक
कपड़ा निर्यातकों एमईआईएस तथा अन्य योजनाओं के तहत मिलने वाला लाभ इस वर्ष 31 दिसंबर तक मिलता रहेगा। साथ ही दो प्रतिशत तक की छूट नई योजना में कपड़ा  निर्यातित वस्तुओं पर मिलती रहेगी।

4. विदेश से भी सस्ता कर्ज मिलेगा
अब निर्यातकों को देश में आठ फीसदी से भी कम और विदेश में चार फीसदी से भी कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा। होगी। मुक्त व्यापार समझौता उपयोग मिशन की भी स्थापना की जाएगी।

5. समय घटाने के लिए कदम
बंदरगाहों, हवाई अड्डों पर सामान की आवाजाही आसान  करने और निर्यात में लगने वाले समय को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के जरिए कदम उठाए जाएंगे। इसमें कंप्यूटर आधारित व्यवस्था लागू होगी।

6. हर साल खरीददारी मेले लगेंगे
देश में चार स्थानों पर दुबई फेस्टिवल की तर्ज पर हस्तशिल्प, योग, पर्यटन, कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों के लिए वार्षिक खरीददारी मेले आयोजित होंगे। इससे कारोबार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

छोटे उद्योग रोजगार और निर्यात में आगे
सरकार ने निर्यात बढ़ाने के लिए नई नीति में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) पर काफी जोर दिया है। इसकी एक बड़ी वजह रोजगार, निर्यात और सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी है। भारत के कुल निर्यात में इसका योगदान करीब 40 प्रतिशत है। एमएसएमई क्षेत्र में अब तक 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। वहीं जीडीपी में 29 फीसदी हिस्सेदारी है।

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