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सेबी और आरबीआई को..., अडानी मामले में फिर आई वित्त मंत्री सीतारमण की प्रतिक्रिया; जानिए क्या-क्या कहा

Gautam Adani, Nirmala Sitharaman News: वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक एवं बीमा कंपनियां खुद ही आगे आकर अडानी समूह को लेकर अपनी स्थिति साफ कर रही हैं। इनका किसी भी एक कंपनी में अधिक पैसा नहीं लगा है।

सेबी और आरबीआई को..., अडानी मामले में फिर आई वित्त मंत्री सीतारमण की प्रतिक्रिया; जानिए क्या-क्या कहा
Madan Tiwariपीटीआई,नई दिल्लीSun, 05 Feb 2023 10:17 PM

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Nirmala Sitharaman on Adani Case: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट को एक कंपनी तक केंद्रित मामला बताते हुए कहा है कि शेयर बाजार को स्थिर रखने के लिए सेबी और रिजर्व बैंक जैसे नियामकों को हमेशा चौकस रहना चाहिए। सीतारमण ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि बैंक एवं बीमा कंपनियों ने किसी एक कंपनी में हद से अधिक निवेश नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि भारतीय बाजारों का नियामक बहुत अच्छी तरह प्रबंधन करते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक एवं बीमा कंपनियां खुद ही आगे आकर अडानी समूह को लेकर अपनी स्थिति साफ कर रही हैं। 

उन्होंने कहा, ''इनका किसी भी एक कंपनी में अधिक पैसा नहीं लगा है। यह बात खुद वही सामने आकर कह रहे हैं।'' उन्होंने 'टाइम्स नाऊ' चैनल से कहा, ''हां, बाजार में कभी-कभार छोटे-मोटे झटके लगते रहे हैं। लेकिन ये नियामक इस तरह के मुद्दों का ध्यान रखते हैं। मेरी स्पष्ट राय है कि हमारे नियामक इस मसले में लगे हुए हैं।'' अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में बीते 10 दिन में भारी गिरावट आई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के आरोप लगने के बाद इस समूह का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। 

हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियां सभी कानूनों एवं खुलासा प्रावधानों का पालन करती हैं। इस मामले में नियामकों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, ''मेरी राय बस यही है कि नियामकों, चाहे वह आरबीआई हो या सेबी, को समय पर काम करना चाहिए और बाजार को स्थिर रखने के लिए काम करना चाहिए। वित्त मंत्रालय में रहते हुए मेरा यही मत है कि नियामकों को हमेशा ही चौकस रहना चाहिए।'' जब उनसे पूछा गया कि अडानी समूह के शेयरों में जारी गिरावट क्या सिर्फ एक समूह तक ही सीमित मामला है तो उन्होंने कहा, ''मुझे ऐसा ही लगता है। मुझे इस मामले का भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह पर कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब डॉलर बढ़ गया है।'' 

'मोदी सरकार सवालों से भाग नहीं सकती'
वहीं, कांग्रेस ने अडानी समूह पर लगे आरोपों को लेकर केंद्र पर हमला तेज करते हुए रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर मोदी सरकार की ''गहरी चुप्पी'' से ''मिलीभगत की बू आती है।'' अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि पार्टी रविवार से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने रोजाना तीन सवाल रखेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी समूह पर लगे आरोपों के बीच मोदी सरकार ने ''गहरी चुप्पी बनाए रखी है, जिससे मिलीभगत की बू आती है।'' 

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