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हिंदी न्यूज़ देशटैक्स छूट से सधेगा मिडल क्लास और PM आवास से गरीब; मोदी सरकार ने बनाया वोटों का बजट

टैक्स छूट से सधेगा मिडल क्लास और PM आवास से गरीब; मोदी सरकार ने बनाया वोटों का बजट

निर्मला के बजट के जरिए मोदी सरकार ने शहरी मिडल क्लास के साथ ही गावों के गरीबों को भी साधने की कोशिश की है। उसे इसका फायदा 2024 के आम चुनाव में देखने को मिल सकता है। टैक्स कटौती इस लिहाज से अहम है।

टैक्स छूट से सधेगा मिडल क्लास और PM आवास से गरीब; मोदी सरकार ने बनाया वोटों का बजट
Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 01 Feb 2023 05:28 PM

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की आर्थिक समीक्षक विवेचना कर रहे हैं, लेकिन इसके कई राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। 2018 के बाद पहली बार मोदी सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। अब कुल 7 लाख रुपये तक की कमाई वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। माना जा रहा है कि इससे सैलरीड क्लास का वह हिस्सा खुश हो सकता है, जो निम्न मध्यम वर्ग में आता है। अकसर शहरी मध्य वर्ग को बजट में नजरअंदाज करने के आरोप झेलनी वाली सरकार ने यह फैसला लेकर उनका जवाब दिया है। यही नहीं इस बजट में सरकार ने ग्रामीण गरीबों को भी साधने की कोशिश की है।

विश्वकर्मा योजना से वोटबैंक भी साध रही BJP, कैसे 2024 में मिलेगा फायदा

पीएम आवास योजना के बजट में सरकार ने करुल 66 फीसदी का इजाफा किया है और 79,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। साफ है कि सरकार ने एक तरफ शहरी मिडल क्लास को साधा है तो वहीं ग्रामीण गरीबों के वोटों का बजट भी तैयार कर लिया है। पीएम ग्रामीण आवास योजना के लिए इस रकम में से 54,487 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। इसके अलावा शहरी आवास योजना के लिए 25,103 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। गांवों में स्वच्छ भारत स्कीम के बाद पीएम आवास योजना सबसे चर्चित है। ऐसे में इसके बजट में इजाफा कर ग्रामीण गरीबों की बड़ी आबादी को कवर करने की कोशिश सरकार ने फिर से की है।

पूंजीपतियों की सरकार होने के आरोपों का देगी जवाब

इन स्कीमों के जरिए सरकार पूंजीपति वर्ग के लिए ही काम करने का आरोपों का भी जवाब देने की कोशिश करेगी। बता दें कि नई आवास योजना के तहत पानी, बिजली और गैस के कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं। पिछले बजट में इस स्कीम के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को मिलाकर 48,000 करोड़ रुपये जारी हुए थे। लेकिन इस बार बजट में 66 फीसदी का इजाफा हुआ है और इस बढ़ी हुई रकम का पूरा हिस्सा ग्रामीण आवास योजना पर खर्च होना है। साफ है कि ग्रामीण गरीबों को मोदी सरकार एक बार फिर से टारगेट करने की कोशिश कर रही है।

मार्च 2024 में टारगेट पूरा करके चुनाव में जाएगी सरकार?

दरअसल मोदी सरकार ने मार्च 2024 तक सभी गरीबों को आवास देने का ऐलान किया है। बजट में इजाफे से वह इसे पूरा करने को कोशिश करेगी। पीएम शहरी आवास योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी, जबकि ग्रामीण स्तर पर इसे नवंबर 2016 में लॉन्च किया गया था। गांवों में सरकार की ओर से गरीबों को आवास बनाने के लिए 1.2 लाख से 1.3 लाख रुपये तक की रकम दी जाती है। इन घरों का निर्माण भी मनरेगा के तहत कराया जाता है और कुल 90 दिनों की मजदूरी का भुगतान किया जाता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक बीते 8 सालों में इस स्कीम से 2.12 करोड़ से ज्यादा घर बनाए जा चुके हैं।