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जानिए निर्भया पर लोहे की रॉड से हमला कर दरिंदगी की हदें पार करने वाले मुकेश के बारे में

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों को आखिरकार फांसी पर लटका ही दिया गया। शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में चारों को फांसी दी गई। इससे पहले बुधवार को पवन जल्लाद ने चारों...

जानिए निर्भया पर लोहे की रॉड से हमला कर दरिंदगी की हदें पार करने वाले मुकेश के बारे में
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्लीFri, 20 Mar 2020 06:24 AM
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निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों को आखिरकार फांसी पर लटका ही दिया गया। शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में चारों को फांसी दी गई। इससे पहले बुधवार को पवन जल्लाद ने चारों दोषियों के पुतलों को एक साथ फांसी दी थी। ट्रायल के दौरान जेल के डीजी सहित अन्य अधिकारी और डॉक्टरों की पूरी टीम मौजूद रही थी। यहां हम आपको सभी दोषियों में से एक मुकेश सिंह और उसके गुनाह के बारे में बताने जा रहे हैं।

मुकेश सिंह:-
बस की सफाई का काम करने वाला मुकेश (29) भी इस बर्बरता का मुख्य दोषी था। उसने गैंगरेप के बाद निर्भया पर लोहे की रॉड से हमला किया था। ये राम सिंह का छोटा भाई था। मुकेश ड्राइविंग और क्लीनर का काम करता था। मुकेश दक्षिणी दिल्ली के रविदास झुग्गी कैंप में राम सिंह के साथ ही रहता था।

जानिए निर्भया के गुनहगारों को
1- राम सिंह-मुख्य आरोपी। गैंगरेप के बाद निर्भया को लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा था। मार्च 2013 में खुदखुशी कर ली।
2- मुकेश सिंह- बस का क्लीनर व राम सिंह का भाई। रेप के बाद इसने भी निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
3- विनय शर्मा- मुकेश का दोस्त। रेप के समय बस चला रहा था।
4- पवन गुप्ता- घटना के समय बस में मौजूद था।
5- अक्षय ठाकुर- राम सिंह का दोस्त। मूलत: बिहार से।
6- नाबालिग दोषी- उत्तर प्रदेश के बदायूं का निवासी। निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह करने वाला। तीन साल की कैद पूरी करने के बाद 2015 में रिहा।


देश में फांसी का इतिहास
दुष्कर्म के बाद हत्या में
14 अगस्त 2004 : कोलकाता में 15 वर्षीय छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में धनंजय चटर्जी को फांसी दी गई थी

अब तक कितनों को सजा-ए-मौत
* राष्ट्रीय लॉ विश्वविद्यालय के मुताबिक आजादी के बाद भारत में 1414 अपराधियों को फांसी की सजा दी गई।
* आजादी के बाद पहली फांसी नाथूराम गोडसे और 57वीं फांसी 2015 में मुंबई धमाकों में याकूब मेमन को हुई।
* 2018 में अलग-अलग अदालतों ने 162 लोगों को सुनाया था मृत्युदंड, पर फांसी किसी को नहीं हुई।

चर्चित जल्लाद : नाटा मलिक, कोलकाता
2009 में निधन से पहले नाटा ने 25 अपराधियों को फांसी के फंदे पर लटकाया था, आखिरी फांसी धनंजय चटर्जी को दी थी।

106 देशों ने खत्म किया मृत्युदंड
* एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, 2018 तक 106 देशों ने मृत्युदंड खत्म किया।
* 2018 में 54 देशों में 2531 लोगों को अलग-अलग अपराधों में मृत्युदंड दिया गया।
 

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