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निर्भया केस: फांसी से बचने की एक और कोशिश, अब दोषी विनय पहुंचा चुनाव आयोग, जानें क्या दी दलील

निर्भया गैंगरेप केस में फांसी से बचने के लिए निर्भया के दोषी लगातार नए-नए तिकड़म अपना रहे हैं। 3 मार्च को होने वाली फांसी की सजा से बचने के लिए निर्भया के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा नया दांव...

निर्भया केस: फांसी से बचने की एक और कोशिश, अब दोषी विनय पहुंचा चुनाव आयोग, जानें क्या दी दलील
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 20 Feb 2020 01:58 PM
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निर्भया गैंगरेप केस में फांसी से बचने के लिए निर्भया के दोषी लगातार नए-नए तिकड़म अपना रहे हैं। 3 मार्च को होने वाली फांसी की सजा से बचने के लिए निर्भया के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा नया दांव चलते हुए चुनाव आयोग पहुंच गया है। दोषी विनय के वकील एपी सिंह ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश पर सवाल उठाया है। वकील एपी सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि जिस वक्त विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति से की थी, उस वक्त दिल्ली में आचार संहिता लागू थी। 

दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से 30 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की गई तो उस वक्त आचार संहिता लागू थी और सिफारिश पर सत्येंद्र जैन की मूल दस्तखत नहीं थे।

वकील एपी सिंह ने कहा, 'चुनाव आयोग में याचिका इसलिए दाखिल की है क्योंकि 30 जनवरी को दोषी विनय की दया याचिका में दस्तखत की जो बात सामने आई है उसमें सतेंद्र जैन ने दस्तखत नहीं किए थे। बाद में ओएसडी सिसोदिया ने स्क्रीन शॉर्ट के जरिए दया याचिका पर दस्तखत की कॉपी लगा दी। जब वह विधायक ही नहीं थे तो वह होम मिनिस्टर के पद का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। चुनाव आचार संहिता क्या कहती है, आदर्श आचार संहिता क्या कहती है?' 

विनय की ओरे से वकील एपी सिंह ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और चुनाव आयोग से भूलवश ऐसी गलती हुई तो उसमें सुधार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में भी हमने यह दलील नहीं दी थी। हमने चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की मांग है। विनय की चोट पर वकील ने कहा कि उसने खुद को चोट नहीं पहुंचाई है और उसका हाथ टूटा हुआ है। इसको लेकर हम नई याचिका दाखिल करेंगे।

विनय ने जेल की दीवार में मारा सिरा
फांसी की सजा से बचने के लिए निर्भया के दोषी विनय ने एक और तिकड़म अपनाया। 16 जनवरी को निर्भया के दोषी विनय ने जेल की दीवार से सिर मारा, जिसमें वह मामूली रूप से घायल हो गया। इससे पहले विनय तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर चला गया था। विनय तिहाड़ जेल के तीन नंबर सेल में अकेला बंद है। 16 फरवरी को उसने दीवार में सिर और मुक्का मारा, जिससे वह घायल हो गया। सेल में ही डॉक्टर ने उसका उपचार किया था। सेल के बाहर बैठे वार्डन भी बचाने के लिए नहीं पहुंचा था। जेल के सूत्रों का कहना है कि वह तनाव में आ गया है, जिसकी वजह से उसने ऐसा किया। दोषी विनय को मनोचिकित्सक से भी दिखाया गया था। 

3 मार्च को होनी है फांसी

दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चार दोषियों को तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने के लिए यह मृत्यु वारंट जारी किया है। यह तीसरी बार है कि इन चारों के लिए मृत्यु वारंट जारी किये गये हैं।

सबसे पहले फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। लेकिन 17 जनवरी के अदालत के आदेश के बाद इसे टालकर एक फरवरी सुबह छह बजे किया गया था। फिर 31 जनवरी को निचली अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उनके सारे कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए थे।

क्या है मामला:

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस जघन्य घटना के बाद पीड़िता को इलाज के लिए सरकार सिंगापुर ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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