निपाह का रहस्य गहराया: रिपोर्ट्स में खुलासा- वायरस फैलने की मुख्य वजह चमगादड़ नहीं
जानलेवा निपाह वायरस के मुख्य स्रोत को लेकर रहस्य अब और गहरा गया है। बता दें, अभी तक यह बताया जा रहा था कि चमगादड़ से यह वायरस फैल रहा है, लेकिन राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग...
जानलेवा निपाह वायरस के मुख्य स्रोत को लेकर रहस्य अब और गहरा गया है। बता दें, अभी तक यह बताया जा रहा था कि चमगादड़ से यह वायरस फैल रहा है, लेकिन राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल में चमगादड़ के खून और सीरम की जांच में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है। सभी रिपोर्ट्स नेगेटिव आई हैं। इनमें बताया गया है कि यह वायरस फैलने की मुख्य वजह चमगादड़ नहीं हैँ।
केरल में इस वायरस की चपेट में आने की वजह से अभी तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 20 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। स्वास्थ्य अधिकारी अब यह जांच करेंगे कि 26 वर्षीय मोहम्मद साबिथ कहां-कहां गए थे। इनकी मौत निपाह की वजह से सबसे पहले हुई थी। इनके परिवार के तीन अन्य लोगों की भी इसी वायरस की वजह से मौत हो चुकी है। मोहम्मद सऊदी अरब में हेल्पर के तौर पर काम करते थे, वह वहीं से भारत लौटे थे।
जानें, क्या है निपाह वायरस, कौन से हैं इसके लक्षण और कैसे करें बचाव?
स्वास्थ्य और पशुपालन अधिकारी संक्रमण के संभावित स्रोतों की तलाश कर रहे हैं। जब अधिकारियों ने मूसा परिवार के कुएं में चमगादड़ को देखा तो उन्हें लगा था कि उन्हें स्रोत का पता लग गया। बता दें, चमगादड़ में एनआईवी(निपाह) वायरस प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है, जिससे यह दूसरे जानवरों और इंसानों में जा सकता है। इसलिए अधिकारियों ने चमगादड़ का ब्लड सैंपल और सीरम देश की सबसे बड़ी पशु जांच लैब में भेजा था। लेकिन वहां पर ऐसे कोई परिणाम समाने नहीं आए।
क्या है निपाह वायरस?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक निपाह एक ऐसा वायरस है जो चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। इस वायरस का मुख्य स्रोत फल खाने वाले चमगादड़ (फ्रूट बैट) हैं। इन्हें फ्लाइंग फॉक्स के नाम से भी जाना जाता है।
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क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण?
निपाह वायरस के लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं। बीमारी की शुरुआत सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, तेज सिरदर्द और फिर बुखार से होती है है। इसके बाद बुखार दिमाग तक पहुंच जाता है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
निपाह वायरस का इलाज क्या है?
हालांकि, अब तक इस भयानक निपाह वायरस का कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है। बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है। इससे संक्रमित रोगी की उचित देखभाल और डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा जाना चाहिए।
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निपाह वायरस के कैसे बचें?
1. चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आएं
2. खासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें
3. संक्रमित इंसानों और पशुओं खासकर सुअरों के संपर्क में न आएं
4. निपाह वायरस के अधिक प्रभाव वाले इलाकों में जाने से बचें
5. इस्तेमाल में नहीं लाए जा रहे कुओं में पर जानें से बचें
6 केरल सहित उसके पड़ोसी राज्यों से आने वाले फल जैसे केला, आम व खजूर खाने से परहेज करें
7. फलों को पोटाश वाले पानी में धोकर खाएं
8. निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं