NEWSCLICK केस में सीताराम येचुरी के घर पहुंच गई दिल्ली पुलिस, क्या थी वजह जानें
चीनी फंडिंग के आरोप में घिरे समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक से जुड़ी संस्थाओं और पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई चल रही है। इसी कड़ी में पुलिस सीताराम येचुरी के घर पहुंच गई। क्या थी वजह

चीनी फंडिंग के आरोप में घिरे ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक से जुड़ी संस्थाओं और पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई चल रही है। इसी केस के सिलसिले में दिल्ली पुलिस मंगलवार को सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी के आधिकारिक आवास पर पहुंच गई। येचुरी ने बाद में स्पष्ट किया कि दिल्ली पुलिस उनके घर क्यों पहुंची थी? येचुरी ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस की छापेमारी में सीपीआई-एम का कोई हाथ नहीं है।
न्यूजक्लिक केस में दिल्ली पुलिस सीपीआई एम नेता सीताराम येचुरी के घर पहुंची। येचुरी ने बाद में स्पष्ट किया, "पुलिस मेरे आवास पर आई क्योंकि मेरा एक साथी जो मेरे साथ वहां रहता है, उसका बेटा न्यूज़क्लिक के लिए काम करता है। पुलिस उससे पूछताछ करने आई थी। उन्होंने उसका लैपटॉप और फोन ले लिया है। वे क्या जांच कर रहे हैं? कोई नहीं जानता।
सीताराम येचुरी ने आगे कि मीडिया को दबाने की कोशिश की जा रही है। देश को इसके पीछे के कारण जानने चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक से जुड़े 30 परिसरों के साथ-साथ उसके पत्रकारों के घरों पर भी छापेमारी की। पुलिस ने कहा कि न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर, राइटर परंजॉय गुहा और उर्मिलेश सहित कुछ पत्रकारों को लोधी रोड स्पेशल सेल कार्यालय लाया गया है। लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
अभिशार शर्मा के घर भी पहुंची पुलिस
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने पत्रकार अभिशार शर्मा के नोएडा एक्सटेंशन स्थित घर से उनके गैजेट्स भी जब्त कर लिए और उन्हें मामले में पूछताछ के लिए स्पेशल सेल कार्यालय ले आई। छापेमारी 17 अगस्त को कड़े यूएपीए, आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज मामले पर आधारित है।
उधर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एक्स पर कहा कि वह न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर छापेमारी को लेकर बेहद चिंतित है। कहा गया है, "पीसीआई पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ी है और सरकार से विवरण सामने लाने की मांग करती है।"
बता दें कि यह वेबसाइट हाल ही में भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर सुर्खियों में आई थी।
