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ब्रिटेन में हड़कंप मचाने वाला कोविड-19 का नया रूप भारत में पहले से ही हो सकता है मौजूद: एक्सपर्ट्स

यूनाइटेड किंगडम से शुरू होने वाला कोविड-19 का नए रूप ने ब्रिटेन में दहशत पैदा कर दी है। इसी कड़ी में भारत सहित कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाले विमानों को रद्द कर दिया है लेकिन अब विशेषज्ञों ने...

ब्रिटेन में हड़कंप मचाने वाला कोविड-19 का नया रूप भारत में पहले से ही हो सकता है मौजूद: एक्सपर्ट्स
Priyankaअनोना दत्त,नई दिल्लीWed, 23 Dec 2020 07:29 AM
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यूनाइटेड किंगडम से शुरू होने वाला कोविड-19 का नए रूप ने ब्रिटेन में दहशत पैदा कर दी है। इसी कड़ी में भारत सहित कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाले विमानों को रद्द कर दिया है लेकिन अब विशेषज्ञों ने बताया है ऐसा संभव है कि कोरोनावायरस का यह नया स्ट्रेन पहले ही भारत पहुंच गया हो। मंगलवार को विशेषज्ञों ने यह जानकारी देते हुए इस नए स्ट्रेन की पता लगाने और आगे इसका प्रसार रोकने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग आधारित निगरानी करने पर जोर दिया। 

दिसंबर तक कोरोनावायरस का नया वेरिएंट VUI–202012/01 लंदन में 60 प्रतिशत मामलों का कारण था। अभी तक के शोध के मुताबिक, यह पिछले कोरोनावायरस की तुलना में 70 प्रतिशत तेजी से फैलता है। वैज्ञानिक अभी तक नए स्ट्रेन के प्रभाव और खतरे को लेकर शोध कर रहे हैं।

देश में कोरोनावायरस के नए रूप को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने मंगलवार रात से ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा उन यात्रियों पर भी नजर रखी जा रही है जो बीते दिनों ब्रिटेन से भारत आए हैं। मंगलवार को दिल्ली के 6 सहित कुल 22 लोग वायरस से संक्रमित पाए गए और अब इनके सैंपलों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।

मास्क न पहनने वालों को ज्यादा खतरा
Sars-CoV-2 जीनोम्स की सिक्वेंसिंग के काम में लगे लैबों में से एक इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटग्रेटिव बायॉलजी (IGIB) के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया कि कोरोना का नया स्ट्रेन भारत न पहुंचा हो, इसकी संभावना बेहद कम है। उन्होंने बताया कि नया वाायरस अधिक संक्रामक पाया गया है लेकिन यह संक्रमण तभी फैलेगा जब लोग मास्क न पहने।

अन्य विशेषज्ञों ने भी यह चेतावनी दी है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो कोरोना का नया रूप तेजी से फैल सकता है। 

बढ़ानी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
अशोका यूनिवर्सिटी के त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक और वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर शाहिद जमील ने कहा, 'संभव है कि कोरोनावायरस का नया वेरिएंट भारत पहुंच चुका हो। इसका पता तभी लगेगा जब हम इस बारे में पता लगाएंगे। यही कारण है कि हमें जीनोम सिक्वेंसिंग की संख्या को बढ़ाना होगा। भारत में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं और यह संभव है कि वायरस के कुछ वेरिएंट भारत में ही पैदा हुए हों।'

उन्होंने आगे बताया कि देश में फिलहाल हर 3000 पॉजिटिव मामलों पर एक की जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर 300 मामले पर एक जीनोम सिक्वेसिंग होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं कि भारत में यह करने की क्षमता नहीं, बस हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।'


यूके से आने पॉजिटिव केसों की होगी सिक्वेंसिंग
मंगलवार को सरकार की ओर से हुई ब्रीफिंग के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि भारत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के अंदर आने वाली लैबरेटरी के जरिए और ज्यादा सैंपलों की सिक्वेंसिंग करेगा, खासतौर पर उन संक्रमित यात्रियों के जो ब्रिटेन से आए हैं।

उन्होंने कहा, 'हमने अपनी लैबों को यह कह दिया है कि वे हाल के मिले सैंपलों को प्रमुखता दें और उन्हें जेनेटिक सिक्वेंसिंग के लिए भेजें। फिलहाल ICMR, CSIR और DBT के अंदर आने वाली लैब ही जीनोम सिक्वेंसिंग कर रही हैं लेकिन इसे बढ़ाया जाएगा। बीते कुछ दिनों में यूके से आए यात्रियों में से संक्रमित पाए गए मरीजों के सैंपल भी जेनेटिक सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे।'