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देश में 5G तकनीक लागू करने के लिए फाइबर नेटवर्क के विस्तार की जरूरत: ट्राई प्रमुख

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि भारत 5जी प्रौद्योगिकी को लागू करने वाले पहले कुछेक देशों में शामिल हो सकता है लेकिन इसके लिए देश में फाइबर अवसंरचना की कमी है...

देश में 5G तकनीक लागू करने के लिए फाइबर नेटवर्क के विस्तार की जरूरत: ट्राई प्रमुख
एजेंसी,नई दिल्ली,Fri, 18 Jan 2019 05:38 AM
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि भारत 5जी प्रौद्योगिकी को लागू करने वाले पहले कुछेक देशों में शामिल हो सकता है लेकिन इसके लिए देश में फाइबर अवसंरचना की कमी है और इस क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश की जरूरत है। शर्मा ने कहा कि भारत के दूरसंचार बाजार का समेकन हुआ है, जहां सार्वजनिक क्षेत्र की एक और निजी क्षेत्र की तीन कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इससे बाजार में स्थिरता आएगी।

ट्राई के चेयरमैन शर्मा ने कहा, “5जी क्षेत्र में हम तमाम बाधाओं को पार कर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से लंबी छलांग लगा सकते हैं। यह गंभीर चिंता की बात है कि लोग 5जी पर तमाम बातें कर रहे हैं लेकिन फाइबर में बहुत अधिक निवेश किये बिना यह संभव नहीं है। फाइबर के बिना 5जी संभव नहीं है।” उन्होंने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की ओर से आयोजित इंडिया डिजिटल समिट के मौके पर यह बात कही।

आरएस शर्मा ने कहा कि भारत में केवल 22 प्रतिशत मोबाइल टावर फाइबर से जुड़े हैं जबकि 78 प्रतिशत वायरलैस से चल रहे हैं। दूसरी ओर चीन में 80 प्रतिशत टावर फाइबर नेटवर्क से जुड़े हैं और बाकी वायरलैस वाले हैं। ट्राई प्रमुख ने कहा कि भारत में अब तक बिछाए गए ऑप्टिकल फाइबर चीन में एक साल में बिछाए गए ऑप्टिकल फाइबर के बराबर है। उन्होंने विश्वसनीय एवं सतत विकास के लिए ऑप्टिकल फाइबर के नेटवर्क को आवश्यक बताया।

आरएस शर्मा ने आगे बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) में इस तरह की नीतियां और चीजें हैं। हमें निवेश सुनिश्चित करने के लिए इसे लागू करने की जरूरत है। नई दूरसंचार नीति का लक्ष्य 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करना एवं 2022 तक क्षेत्र में 40 लाख नौकरियों का सृजन करना है।

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