प्रदूषण का प्रकोप: दिल्ली को 'दमघोंटू' हवा से निजात अभी नहीं, सोमवार से और खराब हो सकते हैं हालात
दिवाली में प्रदूषण बढ़ने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में तमाम कदम उठाए गए हैं और पराली जलाने के मामलों में भी थोड़ी कमी आई है जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम तो हुआ लेकिन अधिकारियों...
दिवाली में प्रदूषण बढ़ने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में तमाम कदम उठाए गए हैं और पराली जलाने के मामलों में भी थोड़ी कमी आई है जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम तो हुआ लेकिन अधिकारियों ने अगले सप्ताह से हवा की गुणवत्ता 'गंभीर रूप से खराब होने की चेतावनी दी है।'
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 370 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब की श्रेणी में आता है। पीएम 2.5 का स्तर 210 दर्ज किया गया। यह कण पीएम 10 से भी छोटे होते हैं और स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। आंकड़े के अनुसार, दिल्ली में चार इलाकों में वायु गुणवत्ता ''गंभीर स्तर पर है जबकि 29 इलाकों में ''बेहद खराब दर्ज की गई है।
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केन्द्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (एसएएफएआर) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पीएम10 का स्तर 334 बना हुआ है। एसएएफएआर का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक अगले तीन दिन तक 'बेहद खराब की श्रेणी में बना रहेगा।
एसएएफएआर की वेबसाइट के अनुसार, 'यह मुख्य रूप से मौसमी हालात के कारण है क्योंकि पराली जलने की भागीदारी इसमें बहुत कम रह गई है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में नमी का बढ़ना और चार नवंबर तक जारी रहेगा। इसके कारण वातावरण में पीएम 2 .5 की धारण क्षमता भी बढ़ेगी।'
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अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली का एक्यूआई पांच नवंबर तक 'बहुत खराब श्रेणी की उच्च रेंज में रहेगा और उसके बाद यह मौसम के प्रतिकूल हालात की वजह से और भी बिगड़ सकता है।