चुनाव आयोग से शरद पवार को बड़ी राहत, पार्टी को चंदा स्वीकार करने की मिली इजाजत
आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की प्रासंगिक धाराओं के तहत पार्टी को छूट दी। एनसीपी- शरद गुट सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी से स्वैच्छिक राशि को स्वीकार कर सकती है।

चुनाव आयोग से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार गुट को सोमवार को बड़ी राहत मिली। ईसी ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंदा स्वीकार करने की इजाजत दे दी है। शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने आयोग से अपील रखी कि वह जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए पार्टी के दर्जे को प्रमाणित करे। आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की प्रासंगिक धाराओं के तहत पार्टी को छूट दी। एनसीपी- शरद गुट सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी की ओर से स्वैच्छिक रूप से दी गई राशि को स्वीकार कर सकती है। यह अधिनियम सभी राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले अंशदान को नियंत्रित करता है।
एनसीपी-एसपी के 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सोमवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। सुले ने कहा, ‘इससे पहले हम अपनी पार्टी के लिए चंदे के तौर पर चेक प्राप्त नहीं कर सकते थे। हमें अन्य राजनीतिक दलों की तरह चंदे पर कर लाभ नहीं मिल रहा था।’ उन्होंने कहा कि हम यह विधानसभा चुनाव पारदर्शी तरीके से लड़ना चाहते हैं, जिसमें केवल सफेद धन का इस्तेमाल हो। मैं निर्वाचन आयोग की आभारी हूं कि उसने हमें कानूनी और पारदर्शी तरीके से धन जुटाने की अनुमति दे दी है। राकांपा-एसपी को चंदा स्वीकार करने का अधिकार निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ एससी में दायर याचिका के अंतिम निपटारे तक लागू रहेगा।
जब अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ की बगावत
पिछले साल जुलाई में, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का हवाला देकर चुनाव चिह्न के साथ-साथ पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर भी दावा किया। आयोग ने अजित पवार गुट के दावे को सही ठहराया और शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अंतरिम उपाय के तौर पर नया नाम चुनने को कहा। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी ने महाराष्ट्र में 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और 8 पर जीत हासिल की, जबकि अजित पवार की राकांपा ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक पर जीत हासिल कर सकी। सुले ने कहा कि राकांपा-एसपी ने तुरही और तुरही बजाता हुआ आदमी जैसे समान दिखने वाले चुनाव चिह्न का मुद्दा भी उठाया। निर्वाचन आयोग ने राकांपा-एसपी को तुरही बजाता हुआ आदमी चुनाव चिह्न आवंटित किया था।