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फैसला: अक्साई चिन को विवादित दिखाने वाला मानचित्र बदलेगी एनसीईआरटी

एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की राजनीति-विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक से पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मानचित्र को बदलने का फैसला किया है। इस मानचित्र में अक्साई चिन को कथित रूप से विवादित क्षेत्र के तौर पर...

फैसला: अक्साई चिन को विवादित दिखाने वाला मानचित्र बदलेगी एनसीईआरटी
एजेंसियां,नई दिल्लीSat, 13 May 2017 10:12 PM
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एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की राजनीति-विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक से पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मानचित्र को बदलने का फैसला किया है। इस मानचित्र में अक्साई चिन को कथित रूप से विवादित क्षेत्र के तौर पर दिखाया गया है। 

दरअसल ‘समसामयिक विश्व राजनीति’ नामक पुस्तक में प्रकाशित इस मानचित्र को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए गए थे। यह पुस्तक 2007 में छपी थी। तब से यह छपती रही है लेकिन इसमें संशोधन नहीं किया गया।

राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अनुसार, मानचित्र टेक्सास विश्वविद्यालय ने तैयार किया था। इसको इस उल्लेख के साथ छापा गया है कि इसमें दिखाई गई सीमा का निरुपण जरूरी नहीं कि प्रामाणिक हो।

एनसीईआरटी ने एक बयान में कहा, अध्याय चार सत्ता के वैकल्पिक केंद्र, यूरोपीय संघ, आसियान और चीन पर ध्यान केंद्रित करता है। यह मानचित्र पृष्ठ संख्या 56 पर है। यह भारत का मानचित्र नहीं है, बल्कि पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया का है।

अक्साई चिन चीन के अवैध कब्जे में है। मानचित्र में अक्साई चिन के निकट भारत और चीन के बीच सीमा को डॉट लाइन से दर्शाया गया है, जो विवादित क्षेत्र होने का संकेत देता है। क्षेत्र पर भारत के दावे का उल्लेख किया गया है। 

एनसीईआरटी ने कहा, बाद में इस अध्याय में ‘भारत-चीन संबंध’ शीर्षक से अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन में प्रतिस्पर्धी क्षेत्रीय दावों का उल्लेख किया गया है। पृष्ठ संख्या 149 पर भारत और उसके पड़ोसियों के मानचित्र में अक्साई चिन को भारत के अभिन्न हिस्से के तौर पर दर्शाया गया है। हालांकि, पृष्ठ 56 पर दक्षिण पूर्व एशिया के मानचित्र को पुनमुर्द्रित संस्करण में बदल दिया जाएगा।

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