राहतः NCERT में इस बदलाव के साथ सरकार ने शिक्षा ऋण पर की ये अहम घोषणा
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि अगले साल से एनसीईआरटी की किताबों पर क्यूआर कोड होंगे। इस कोड के जरिये छात्र किसी विषय की बेहतर समझ के लिए फिल्म या अन्य ऑनलाइन सामग्री का वेब लिंक प्राप्त...
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि अगले साल से एनसीईआरटी की किताबों पर क्यूआर कोड होंगे। इस कोड के जरिये छात्र किसी विषय की बेहतर समझ के लिए फिल्म या अन्य ऑनलाइन सामग्री का वेब लिंक प्राप्त कर सकेंगे।
क्विक रेस्पांस (क्यूआर) मशीन द्वारा पढ़े जाना वाला कोड होता है। इन कोड में वेब लिंक निहित होते हैं, जिन्हें किसी भी स्मार्टफोन का कैमरा पढ़ सकता है।
जावड़ेकर ने साथ ही इस बात की घोषणा की कि शिक्षा ऋण लेने वाले छात्रों को पाठ्यक्रम की अवधि के एक साल बाद तक ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऋण के ब्याज के वहन के लिए 6,600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
मंत्री ने कहा कि 2017-18 से 2019-20 के बीच 10 लाख छात्र इस योजना से लाभान्वित होंगे।
जावड़ेकर ने कैबिनेट के कल के फैसलों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत साढ़े चार लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम आय वाले परिवारों के छात्रों के साढ़े सात लाख रुपये तक के ऋण का ब्याज सरकार वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि 2009 से 2014 के बीच सरकार ने इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपये खर्च किये जो 2014-2017 के बीच बढ़कर 1,800 करोड़ रुपये हो गए।
मंत्री ने साथ ही बताया कि सरकार ने सार्वजनिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पहले से मौजूद तीन योजनाओं सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा को एक करने का निर्णय किया है।
मंत्री ने कहा कि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए ब्लैक बोर्ड के स्थान पर डिजिटल बोर्ड को प्रोत्साहित करने के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि समिति एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी।
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