सरकार से अपील: इंडियन नेवी चीफ ने कहा शहीदों के बच्चों को मिल रहे स्टडी फंड में न हो कटौती
इंडियन नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है और उनसे अनुरोध किया है कि शहीदों के बच्चों को मिलने वाले स्टडी फंड को कम करने का जो फैसला लिया गया, उसे वापस लिया...

इंडियन नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है और उनसे अनुरोध किया है कि शहीदों के बच्चों को मिलने वाले स्टडी फंड को कम करने
का जो फैसला लिया गया, उसे वापस लिया जाए। एडमिरल लांबा के साथ राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर भी इस चिट्ठी से जुड़े हुए हैं। लांबा ने सरकार से भावनात्मक अपील करते
हुए लिखा है कि जिन लोगों ने देश के लिए जान गंवाई है, उनके बच्चों को मिल रहे स्टडी फंड में सरकार को कटौती नहीं करनी चाहिए।
जुलाई से सरकार ने तय की सीमा
लांबा ने इस चिट्ठी में आगे लिखा है कि अगर सरकार उनकी इस अपील को मान लेती है तो इससे लोगों को पता चल जाएगा कि सरकार देश के लिए बलिदान देने वालों को याद
रखती है और उनका आदर भी करती है। पहले जान गंवाने वाले, लापता हो जाने वाले या दिव्यांग सैनिकों के बच्चों की ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, किताबों का खर्च, स्कूल और घर
के कपड़ों का पूरा खर्च सरकार उठाती थी लेकिन अब एक जुलाई से इसको 10,000 रुपए तक सीमित कर दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक, सशस्त्र बल के जवानों के लगभग
3,400 बच्चे इससे प्रभावित हुए हैं। इस व्यवस्था को भारत सरकार ने 1971 की लड़ाई जीतने के बाद शुरू किया था, सुनील लांबा के पत्र के बाद रक्षा मंत्रालय ने अपने फैसले पर
फिर से विचार करना शुरू कर दिया है।