'भाजपा की प्रचंड जीत मोदी के उठाये राष्ट्रवाद के मुद्दे का नतीजा, विपक्ष सबक ले'
आम चुनावों में भाजपा की प्रचंड विजय पर प्रसन्नता जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रवाद के...
आम चुनावों में भाजपा की प्रचंड विजय पर प्रसन्नता जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रवाद के "सबसे बड़े मुद्दे" को सामने रखते हुए चुनाव लड़ा गया और वह भारतीयता के संदेश को मतदाताओं तक पहुंचाने में सफल रहे। उन्होंने विपक्ष को यह सुझाव भी दिया कि लोकसभा चुनावों की उसकी भारी पराजय से सबक लेते हुए अब उसे जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं के मुताबिक काम करना चाहिये।
महाजन ने यहां "पीटीआई-भाषा" से कहा, "भारत में पहली बार राष्ट्रवाद को सामने रखते हुए लोकसभा के चुनाव हुए। इन चुनावों में भारतीयता और राष्ट्रवाद ही सबसे बड़ा मुद्दा था।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद को लेकर समर्पित प्रधानमंत्री की कथनी और करनी के चलते लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं के मन में अपने आप यह भाव उमड़ा कि उन्हें राष्ट्र को मजबूत बनाना है। महाजन ने कहा, "राष्ट्रवाद को लेकर मोदी की कही गयी बातें मतदाताओं के मन में स्थापित हो गयीं।"
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "इस बार आम चुनावों में मतदाताओं ने पहली बार समझा कि एक ईमानदार सरकार क्या होती है? उन्होंने यह भी समझा कि देश को सुरक्षित रखते हुए आतंकवाद को कौन नष्ट कर सकता है?" स्मृति के आंगन में कदम रखते हुए भाजपा की 76 वर्षीय नेता ने कहा, "भाजपा की प्रचंड चुनावी जीत पर आज मुझे दीनदयाल उपाध्याय और अटलबिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं की याद भी आ रही है जिनके हृदय में केवल राष्ट्रीय भावना बसती थी।"
महाजन ने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के मामले में मोदी के सामने कोई भी विश्वसनीय विकल्प पेश नहीं कर सकी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "सभी विपक्षी नेताओं को चुनावी हार स्वीकार करनी चाहिये। उन्हें आने वाले समय में लोकसभा में अच्छे विपक्ष की भूमिका अदा करते हुए जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिये।" उन्होंने कहा, "(लोकसभा चुनावों के परिणाम के बाद) यह बात सबको समझ आ गयी है कि देश क्या चाहता है? अब विपक्ष को जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं के मुताबिक कार्य करना चाहिये।"