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14 साल बाद खत्म हुआ पूजा का वनवास, गलती से मुंबई जाने वाली ट्रेन में हो गई थी सवार

उत्तर प्रदेश के अयोध्या से बचपन में लापता हुई 25 वर्षीय एक महिला का 14 वर्ष बाद वनवास खत्म हुआ, जब वह अपने परिवार से मिली। अनाथालय में पली-बढ़ी पूजा पिछले कई वर्षों से अपने अभिभावकों की तलाश कर रही...

14 साल बाद खत्म हुआ पूजा का वनवास, गलती से मुंबई जाने वाली ट्रेन में हो गई थी सवार
एजेंसी,मुम्बईFri, 24 Nov 2017 10:27 PM
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उत्तर प्रदेश के अयोध्या से बचपन में लापता हुई 25 वर्षीय एक महिला का 14 वर्ष बाद वनवास खत्म हुआ, जब वह अपने परिवार से मिली। अनाथालय में पली-बढ़ी पूजा पिछले कई वर्षों से अपने अभिभावकों की तलाश कर रही थी। 

वर्ष 2003 में पूजा अयोध्या रेलवे स्टेशन पर खेलते समय गलती से मुंबई जाने वाली ट्रेन में सवार हो गई। मुंबई पहुंचने के बाद पुलिस ने उसे देखा और नेरूल में अनाथालय भेज दिया। साथ ही एक स्कूल में दाखिला करा दिया। वर्ष 2009 में पूजा ने नेरूल में रहने वाले एक दंपति नितिन गायकवाड के यहां घरेलू सहायिका का काम करने लगी। 

नितिन ने बताया कि पूजा ने मुझे बताया कि उसके माता-पिता का सुबोध, मीरा है। उसका घर सरयू नदी और राम मंदिर के निकट अयोध्या में है। पिता की फूल-माला और ऑडियो कैसेट्स की दुकान है। पूजा की बताई जानकारी के आधार पर नितिन और स्थानीय कार्यकर्ता गिरीश पाटिल ने यूपी पुलिस से संपर्क किया और अयोध्या में पूजा के अभिभावकों की तलाश शुरू की। इसी दौरान पूजा ने इस महीने की शुरुआत में खुद ही अयोध्या की यात्रा करने का निर्णय लिया। 

5 नवंबर को अयोध्या पहुंचने पर पूजा ने सरयू के किनारों के आसपास के इलाकों में तलाश शुरू की। कुछ ही घंटों बाद उसने नया घाट में अपने मकान और परिवार का पता लगा लिया। इससे गद्गद पूजा ने गायकवाड़ और पाटिल को अपने परिवार के मिलने की सूचना दी। पूजा के पिता सुबोध ने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का पल है। मुझे अपनी बेटी वापस मिल गई। मुझे अब भगवान से और कुछ नहीं चाहिए।

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