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मुरली मनोहर जोशी ने बाबरी मस्जिद केस के फैसले को बताया ऐतिहासिक, कहा- अब राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में 28 साल बाद आज फैसला सुनाया गया। सीबीआई कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए...

मुरली मनोहर जोशी ने बाबरी मस्जिद केस के फैसले को बताया ऐतिहासिक, कहा- अब राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Wed, 30 Sep 2020 01:24 PM
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बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में 28 साल बाद आज फैसला सुनाया गया। सीबीआई कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए मुरली मनोहर जोशी ने इस केस में पक्ष रख रहे सभी वकीलों को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, 'यह अदालत का ऐतिहासिक फैसला है। इससे साबित होता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर की घटना के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी। हमारा कार्यक्रम और रैलियां किसी साजिश का हिस्सा नहीं थीं। हम खुश हैं, सभी को अब राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए।'

मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि वकीलों ने इतने जटिल केस में कोर्ट के समक्ष सही तरीके से तथ्यों को रखा। उन्होंने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था में हमें विश्वास है। आपको बता दें कि फैसला सुनाने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मुरली मनोहर जोशी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।

 

छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद जज सुरेंद्र कुमार यादव की विशेष अदालत अपना फैसला सुना दिया है। जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा है कि यह विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था बल्कि आकस्मिक घटना थी। विशेष अदालत ने  लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है। 

 

 

इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं। 30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला 30 सितंबर को होगा।

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