ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशभाई से मारपीट का बदला लेने को तो राठी ने बजरंगी को नहीं मारा!

भाई से मारपीट का बदला लेने को तो राठी ने बजरंगी को नहीं मारा!

बागपत जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या की कहानी अभी साफ नहीं हो सकी है। हत्या के पीछे एक बात यह भी सामने आ रही है कि कुख्यात सुनील राठी के भाई अरविंद राठी के साथ पूर्वांचल की जेल में बजरंगी के...

भाई से मारपीट का बदला लेने को तो राठी ने बजरंगी को नहीं मारा!
लाइव हिन्दुस्तान टीम,हरिद्वारThu, 12 Jul 2018 08:30 PM
ऐप पर पढ़ें

बागपत जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या की कहानी अभी साफ नहीं हो सकी है। हत्या के पीछे एक बात यह भी सामने आ रही है कि कुख्यात सुनील राठी के भाई अरविंद राठी के साथ पूर्वांचल की जेल में बजरंगी के गुर्गे ने मारपीट की थी। यह बात राठी के दिल पर घर कर गई थी।

एक समय था जब राठी मुन्ना बजरंगी को अपना बॉस मान कर बैठा हुआ था। अचानक मुन्ना की हत्या के बाद तरह-तरह की बातें उठनी शुरू हो गई है। सबसे बड़ा कारण परिवार को देखकर जोड़ा जा रहा है। सुनील राठी परिवार के लिए कुछ भी कर गुजर सकता है। बताया जाता है कि पूर्वोंचल की एक जेल में एक वर्ष पूर्व सुनील राठी के भाई अरविंद राठी के साथ मुन्ना बजरंगी के शूटर ने मारपीट की थी।

तभी से राठी यह समझ बैठा था कि मारपीट बजरंगी के इशारे पर हुई है। उसके बाद से वह बजरंगी से मन ही मन दुश्मनी पाले था। पुलिस महकमे में इसके भी कयास हैं कि कहीं इसी दुश्मनी के कारण मुन्ना की राठी ने हत्या तो नहीं कर दी। इस बिंदु को भी पुलिस ने जांच में शामिल कर लिया है।

हरिद्वार पुलिस की नजर में छठे नंबर का गैंगस्टर है राठी

सुनील राठी हरिद्वार पुलिस की सूची में छठे नंबर का गैंगस्टर है। राठी गैंग गढ़वाल का नंबर एक गैंग है। अब बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर सुर्खियों में आ गया है। 

सुनील राठी ने हरिद्वार, रुड़की में कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। वर्ष 2011 में रुड़की जेल के बाहर डिप्टी जेलर नरेंद्र सिंह की हत्या हुई। इसमें सुपारी लेकर हत्या कराने में सुनील राठी का नाम सामने आया। वर्ष 2014 में रुड़की में जेल के बाहर राठी ने विरोधी गैंग पर गोलीबारी करवा अपने वर्चस्व कायम किया। गैंग में कई शार्प शूटर हैं, जिनकी मदद से राठी जेल से अपना नेटवर्क ऑपरेट करता है। 

सुनील राठी के नाम के आगे कुख्यात हरिद्वार में ही लगा। पढ़ाई छोड़कर अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए राठी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसने सोमपाल भाटी गैंग के दो गुर्गों की हत्या की। तेजी से अपराध जगत में सिक्का जमाने के लिए चार और लोगों की हत्या कर पश्चिमी यूपी पुलिस के सिरदर्द बन गया। इसके बाद ही राठी ने हरिद्वार में अपने पांव जमाने शुरू कर दिए।

वर्ष 2000 में राठी हरिद्वार आया और यहां उसने कई लोगों ने मुलाकात कर अपना नेटवर्क खड़ा कर दिया। हरिद्वार पुलिस की गैंगस्टर सूची में सुनील राठी का नंबर छठा स्थान है। नंबर एक पर शेरसिंह राणा, नंबर दो पर सत्तार और चार पर चीनू पंडित है। राठी छह और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा सातवें नंबर पर है। 

सीओ कत्याल को मिली है राठी के खात्मे की जिम्मेदारी 

राठी गैंग के खात्मे की जिम्मेदारी हरिद्वार पुलिस ने सीओ कनखल मनोज कत्याल को दी है। पहले सूची में 35 नामों को शामिल किया गया था, लेकिन अब बढ़ाकर 41 कर दिए गए हैं। बीते दिनों राठी की मां राजबाला और रॉबिन खोखर समेत अन्य चार लोगों के नामों को शामिल किया गया है। सीओ मनोज कत्याल बताते हैं कि एक प्रक्रिया के तहत गैंग की सूची में नामों को बढ़ाया जाता है। राठी के गैंग में सबसे अधिक बदमाश शामिल है।

बुराड़ी : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया बुजुर्ग महिला की मौत का सच

किडनी की अदला बदली कर पत्नियों ने कर दिया चमत्कार, बच गई पतियों की जान

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें