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मुखर्जी नगर कांड: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में पिटाई को खुद गलत बताया

मुखर्जी नगर इलाके में ऑटो चालक और उसके नाबालिग बेटे की कुछ पुलिसवालों द्वारा की गई पिटाई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अनुचित बताया है। 16 जून को बीच सड़क पर ऑटो चालक सरबजीत सिंह और उसके नाबालिग...

मुखर्जी नगर कांड: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में पिटाई को खुद गलत बताया
प्रमुख संवाददाता,नई दिल्ली Wed, 03 Jul 2019 06:51 AM
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मुखर्जी नगर इलाके में ऑटो चालक और उसके नाबालिग बेटे की कुछ पुलिसवालों द्वारा की गई पिटाई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अनुचित बताया है। 16 जून को बीच सड़क पर ऑटो चालक सरबजीत सिंह और उसके नाबालिग बेटे को बर्बर तरीके से पीटने का आरोप कई पुलिसकर्मियों पर है।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरि शंकर की पीठ के समक्ष संयुक्त पुलिस आयुक्त मनीष अग्रवाल की ओर दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों को धैर्य रखने के साथ-साथ पेशेवर तरीके से कार्रवाई करनी चाहिए था। उन्होंने माना है कि पुलिसकर्मियों का रवैया पूरी तरह से गैर पेशेवर था। मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं के जवाब में दिल्ली पुलिस ने यह हलफनामा दाखिल किया है।

कार्रवाई का भरोसा दिया : हलफनामे में यह भी कहा गया है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्ति पुलिस बल का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत नहीं थी। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को भरोसा दिया है कि मामले में समुचित कार्रवाई की जाएगी। अधिवक्ता सीमा सिंघल और सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत चुग की ओर से दाखिल याचिकाओं में सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी से इस मामले की जांच कराने की मांग की गई थी। साथ ही इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पुलिस के लिए दिशा-निर्देश बनाने की भी मांग की थी। अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी। इस मामले में ऑटो चालक व पुलिसकर्मियों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच : दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया है कि इस मामले में 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। पीठ को बताया गया कि मामले में शामिल तीन पुलिस कर्मियों एएसआई देवेन्दर, संजय मलिक और सिपाही पुष्पेंद्र को पहले ही निलंबित कर दिया गया है। तीन निलंबित पुलिसकर्मियों समेत 10 पुलिसकर्मियों का तबादला गैर संवेदनशील यूनिट यानी पहली बटालियन में कर दिया गया है।

सभी दस पुलिसकर्मियों को 24 घंटे के भीतर नए बटालियन में रिपोर्ट करने को कहा गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बारे में दिल्ली पुलिस से जांच और पुलिसकर्मियों के तबादले के आदेश की प्रति पेश करने को कहा। इस पर दिल्ली पुलिस ने वक्त देने की मांग की। हाईकोर्ट ने 24 घंटे में आदेश की प्रति पेश करने का निर्देश दिया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता सत्यकाम ने कहा कि इस मामले में दर्ज मुकदमे की जांच अपराध शाखा कर रही है। संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच के बाद संबंधित पुलिस उपायुक्त कार्रवाई करेंगे।

याचिकाकर्ता मंजीत चुग ने हाईकोर्च में कहा, "दिल्ली पुलिस ने जिन 10 पुलिसकर्मियों का गैर संवेदनशील यूनिट में तबादला किया है, वे पहले भी उसी यूनिट में थे। कार्रवाई सिर्फ कोर्ट को गुमराह करने और आंखों में धूल झोंकने की कवायद है।"

दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा, 'यह मान भी लिया जाए कि ऑटो चालक और उसका बेटा काफी उग्र थे, तो भी उनके साथ इस तरह से मारपीट नहीं होनी चाहिए थी।'

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