अडानी की कंपनियों में LIC का कितना पैसा लगा? भाजपा सांसद ने पूछा सवाल; मंत्री ने दिया ये जवाब
जब से शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को निशाने पर लिया, तब से समूह के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट आई। पिछले कुछ वर्षों में, एलआईसी ने अडानी समूह में काफी निवेश किया है।

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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (MoS) भागवत कराड ने मंगलवार को संसद को बताया किया कि इक्विटी और डेट (ऋण) के अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की अडानी समूह की कंपनियों में कुल शेयर पूंजी 35,917.31 करोड़ रुपये है। एलआईसी की एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए, केंद्रीय मंत्री कराड ने लिखित उत्तर में कहा, "अडानी समूह की सभी कंपनियों के तहत पिछले कई वर्षों में खरीदी गई इक्विटी का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये है और बाजार मूल्य करीब करीब 30,127 करोड़ रुपये है।"
उन्होंने कहा, "दिनांक 27/01/2023 को बाजार बंद होने तक बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, दिनांक 30 सितंबर, 2022 तक भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा कुल प्रबंधन तहत संपत्ति 41.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसलिए भारतीय जीवन बीमा निगम का अडानी समूह में निवेश कुल एयूएम की बुक वैल्यू का 0.975% है।"
MoS कराड ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा राज्यसभा में उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह डाटा दिया। सुशील कुमार मोदी ने ताजा विवाद के बीच अडानी समूह में LIC की हिस्सेदारी के इर्द-गिर्द घूमते हुए कई तरह के जवाब मांगे थे।
हालांकि, वित्त मंत्री सुशील मोदी के एक खास सवाल का पूरी तरह से जवाब देने में विफल रहे। उन्होंने पूछा था कि क्या एलआईसी ने पिछले तीन वर्षों में अडानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी में दो प्रतिशत की कमी की है? इस पर कराड ने कहा, "एलआईसी ने यह भी पुष्टि की है कि उसके निवेश के संबंध में अधिकांश जानकारी सार्वजनिक डोमेन में पहले से ही उपलब्ध है, इसके अलावा, एलआईसी ने सूचित किया है कि एलआईसी के सभी निवेश बीमा अधिनियम, 1938 के वैधानिक ढांचे और आईआरडीए निवेश विनियम, 2016 के अनुसार सख्ती से किए जाते हैं और एक विस्तृत शासन तंत्र द्वारा निर्देशित हैं।"
जब से शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को निशाने पर लिया, तब से समूह के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट आई। पिछले कुछ वर्षों में, एलआईसी ने अडानी समूह में काफी निवेश किया है। इसने मध्यम वर्ग की बचत के लाखों रुपये इस समूह में डाले हैं। अडानी के शेयरों की कीमतों में कोई भी तेज गिरावट अब लाखों एलआईसी पॉलिसीधारकों के रिटर्न को प्रभावित करेगी। दो साल की जांच के बाद संकलित की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि 'अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहा है।'