मानसून सत्र: संसद की कार्यवाही में एक मिनट में खर्च होते हैं 2.5 लाख रुपये
संसद में आज से मानसून सत्र शुरू हो गया है, यह सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा। इसी बीच आज भी संसद का सत्र गरमा गरमी के बीच ही शुरू हुआ। संसद में होने वाले हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के कारण...
संसद में आज से मानसून सत्र शुरू हो गया है, यह सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा। इसी बीच आज भी संसद का सत्र गरमा गरमी के बीच ही शुरू हुआ। संसद में होने वाले हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के कारण अक्सर संसद की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ जाता है। ऐसे में अक्सर सवाल उठते हैं कि आखिर संसद की कार्यवाही स्थगित होने पर कितना नुकसान होता है। वहीं क्या आप जानते हैं कि संसद की एक घंटे की कार्यवाही में लगभग 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आता है यानी एक मिनट का लगभग 2.5 लाख रुपये।
संसद के तीन सत्र
- बजट सत्र - फरवरी से लेकर मई
- मानसून सत्र - जुलाई से अगस्त-सितंबर
- शीत सत्र - नवंबर से दिसंबर
संसद की कार्यवाही पर किस तरह खर्च होता है पैसा?
लोकसभा के पिछले शीतकालीन सत्र पर हुआ कुल खर्च - 144 करोड़ रुपए
प्रतिदिन कार्यवाही का समय - छह घंटे
शीतकालीन सत्र में संसद चली - 90 घंटे
प्रति घंटे का खर्च - 1.44 करोड़ रुपए
संसद को एक घंटे चलाने की लागत - 1.6 करोड़ रुपए
संसद के प्रति मिनट का खर्च -1.6 लाख रुपए
संसद के एक मिनट तक चलने की कुल लागत - 2.6 लाख रुपये.
ये पैसा किस तरह खर्च होता है?
- संसद सचिवालय पर आने वाले खर्च के रूप में
- संसद सचिवालय के कर्मचारियों के वेतन के रूप में
- सत्र के दौरान सांसदों की सुविधाओं पर खर्च के रूप में- सांसदों के वेतन के रूप में
- सत्र दौरान सांसदों को मिलने वाले भत्तों के रूप में
संसद के सत्र कुल कितने दिनों के होते हैं?
आम तौर पर देखा जाए तो संसद में सालभर के तीन सत्रों में छह से सात महीने काम के होते हैं। इनमें भी अगर अवकाश और सप्ताहांत के दिनों को निकाल दें तो दो से तीन महीने और कम हो जाते हैं। इस लिहाज से सालभर में वास्तविक काम के दिन 70-80 ही होते हैं। लेकिन इतने दिन भी संसद नहीं चल पाती। 1982 ही एकमात्र ऐसा साल था जब हमारी संसद 80 दिन चल पाई थी।
संसद में कितने बजे शुरू होता कामकाज?
संसद में कामकाज सुबह 11 बजे शुरू होता है और आमतौर पर शाम छह बजे तक चलता है। लेकिन ये पक्का नहीं होता। कभी कभी शाम को देर तक कार्यवाही चलती रहती है। इसमें दोपहर में एक बजे से लेकर दो बजे तक का समय लंच का होता है लेकिन कभी कभी लंच का समय बदला भी जा सकता है या खत्म किया जा सकता है। ये स्पीकर पर निर्भर करता है। शनिवार और रविवार के दिन संसद में कार्यवाही नहीं चलती, ये दिन सप्ताहांत अवकाश के होते हैं
आपकी कमाई से चलती है संसद?
संसद की कार्यवाही के लिए जो पैसे खर्च किए जाते हैं वो हमारी और आपकी कमाई से आताे हैं, ये वही धन है, जो हमसे टैक्स के रूप में वसूला जाता है।
कितना होता है सांसदों का वेतन?
लोकसभा द्वारा मिले आंकड़ों की माने, तो सांसदों को वेतन के रूप में हर महीने 50,000 रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के रूप में 45,000 रुपये, कार्यालय खर्च के रूप में 15,000 रुपये और सचिवीय सहायता के रूप में 30,000 रुपये दिये जाते हैं। इस प्रकार सांसदों की प्रति माह सैलरी 1.4 लाख रुपए होती है। इसके अलावा सांसदों को सालभर में 34 हवाई यात्राओं और असीमित रेल और सड़क यात्रा के लिए सरकारी खजाने से धन दिया जाता है।