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मोदी-जिनपिंग में द्विपक्षीय व्यापार और आतंकवाद पर होगी चर्चा

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर चेन्नई पहुंचेंगे। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता में हिस्सा लेंगे। दोनों नेताओं में द्विपक्षीय...

मोदी-जिनपिंग में द्विपक्षीय व्यापार और आतंकवाद पर होगी चर्चा
बीजिंग, एजेंसीThu, 10 Oct 2019 02:03 AM
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर चेन्नई पहुंचेंगे। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक वार्ता में हिस्सा लेंगे। दोनों नेताओं में द्विपक्षीय व्यापार, आतंकवाद और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में सुधार और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के उपायों पर भी बातचीत संभव है।

भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों ने जिनपिंग की यात्रा शुरू होने से करीब 50 घंटे पहले बुधवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चायना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11-12 अक्तूबर को चेन्नई के पास प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होंगे। यह एक ऐसा अवसर होगा, जब दोनों नेता द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अत्यंत आवश्यक मुद्दों पर आपसी बातचीत को आगे बढ़ाएंगे।' चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि मोदी से मुलाकात के बाद जिनपिंग 13 अक्तूबर को नेपाल के राजकीय दौरे पर रवाना होंगे।

कश्मीर पर नजरिया साफ करेगा भारत

शिखर वार्ता की तैयारियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत का सारा जोर द्विपक्षीय रिश्तों को गहराई प्रदान करने के व्यापक तरीके खोजने पर होगा। हालांकि, इस दौरान जिनपिंग यदि कश्मीर मुद्दा उठाते हैं तो मोदी उन्हें भारत के नजरिये से वाकिफ कराएंगे। वह एक बार फिर दोहराएंगे कि कश्मीर भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें तीसरे पक्ष के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है। इमरान खान के चीन दौरे पर सूत्रों ने कहा कि यह पाक-चीन का द्विपक्षीय मामला है।

लद्दाख पर चीनी आपत्तियों का असर नहीं

सूत्रों के मुताबिक लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत सरकार के फैसले पर चीन की आपत्तियों का शिखर वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह कदम स्थानीय आबादी की मांग पर उठाया गया है। इससे सीमा को लेकर दोनों देशों की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने बताया कि शिखर वार्ता के दौरान मोदी और जिनपिंग के बीच कोई समझौता होने की संभावना न के बराबर है। हालांकि, दोनों नेता विभिन्न मुद्दों पर साझा बयान जरूर जारी कर सकते हैं।

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