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मिशन 2019: कांग्रेस टिकट बंटवारे के फार्मूले पर लचीला रुख अपनाएगी

कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के फार्मूले पर अमल करना आसान नहीं है। उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही पार्टी के अंदर टिकट की दावेदारी तेज होने लगी है। लोकसभा के लिए...

मिशन 2019: कांग्रेस टिकट बंटवारे के फार्मूले पर लचीला रुख अपनाएगी
नई दिल्ली। सुहेल हामिदSat, 23 Feb 2019 05:14 AM
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कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के फार्मूले पर अमल करना आसान नहीं है। उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही पार्टी के अंदर टिकट की दावेदारी तेज होने लगी है। लोकसभा के लिए टिकट के लिए दावेदारी करने वालों में नेताओं में कई राज्यसभा सदस्य और विभिन्न विधानसभाओं के विधायक शामिल हैं। ऐसे में पार्टी को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार तय करने के फार्मूले में बदलाव करना पड़ सकता है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह मुमकिन नहीं है कि लोकसभा चुनाव में राज्यसभा सदस्य और विधायकों को टिकट नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के कई सदस्यों ने पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा था। राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद वह लगातार अपने क्षेत्र में काम कर रहे हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले उनकी जगह किसी दूसरे नेता को प्रत्याशी बनाना आसान नहीं होगा। लिहाजा, पार्टी को फार्मूले को लचीला करना होगा।

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दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई पार्टी महासचिवों की बैठक में राज्यसभा सदस्य और विधायकों को टिकट नहीं देने का फैसला किया गया था। इसके साथ यह निर्णय भी लिया गया था कि लगातार दो बार हार चुके उम्मीदवारों पर पार्टी फिर दांव नहीं लगाएगी। उनकी जगह नए लोगों को मौका दिया जाएगा। हालांकि यह गुंजाइश रखी गई थी कि राज्यसभा सदस्य और विधायकों को उस स्थिति में ही टिकट दिया जाएगा, जब उनसे बेहतर उम्मीदवार न हो।

सत्तरहवीं लोकसभा के लिए चुनाव में एक-एक सीट अहम है। ऐसे में राज्यसभा का फार्मूला बनाकर राजबब्बर, पीएल पुनिया, संजय सिंह और पी चिदंबरम को चुनाव से दूर नहीं किया जा सकता। पार्टी नेता ने कहा कि राजबब्बर उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य हैं, पर वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। उन्होंने कई लोकसभा चुनाव जीते हैं। ऐसे में उन पर राज्यसभा का फार्मूला लागू नहीं किया जा सकता।

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य हैं। वह शिवगंगा (तमिलनाडु) सीट से सात बार चुनाव जीत चुके हैं। चिदंबरम ने पहली बार 1984 में शिवगंगा सीट से चुनाव लडा था और लगातार पांच बार इस सीट से जीत कर लोकसभा में पहुंचे। वर्ष 1999 के चुनाव में हार के बाद उन्होंने 2004और 2009 में जीत दर्ज की थी। इसी तरह कपिल सिब्बल भी दिल्ली की चांदनी चौक सीट से दो बार जीत चुके हैं। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा भी उत्तराखंड की अल्मोड़ा सीट से फिर से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी कर रहे हैं।

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