पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्रालय सख्त, जांच के लिए बनाई कमिटी
गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया है। तीन सदस्यों वाली इस कमिटी का नेतृत्व कैबिनेट सचिवालय सचिव (सुरक्षा)...

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गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया है। तीन सदस्यों वाली इस कमिटी का नेतृत्व कैबिनेट सचिवालय सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना करेंगे। इसके अलावा कमिटी में आईबी के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और एसपीजी आईजी एस सुरेश शामिल हैं।
बता दें कि गौरतलब है कि पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त 'गंभीर चूक' की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। घटना के बाद प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना दिल्ली लौट आए।
केंद्र सरकार ने इस घटना के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और उससे रिपोर्ट तलब की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए कहा है कि उसने जरूरी तैनाती सुनिश्चित नहीं की, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी।
Ministry of Home Affairs(MHA) has constituted a committee to enquire into the serious lapses in the security arrangements during Hon'ble Prime Minister Shri Narendra Modi’s visit to Ferozepur, Punjab on 05.01.2022,which led to the exposure of the VVIP to grave security risk.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) January 6, 2022
हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में अचानक हुए बदलाव के कारण यह घटना हुई और प्रधानमंत्री के जीवन पर खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं थी। मुख्यमंत्री ने मामले की गहराई से जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल और प्रधान सचिव, गृह मामले व न्याय, अनुराग वर्मा को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।