विदेश से भारत आने वाले सभी यात्रियों को दिखाना होगा RT-PCR निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट, सरकार ने जारी की नई गाइडलान
कोरोना महामारी का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है। इस बीच भारत सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक विदेश से आने वाले...
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कोरोना महामारी का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है। इस बीच भारत सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक विदेश से आने वाले सभी टूरिस्टों के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट को जरुरी कर दिया गया है। गाइडलाइन के मुताबिक यह टेस्ट रिपोर्ट यात्रा से 72 घंटे पहले की होनी चाहिए। गाइलडालन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सभी यात्रियों को इस रिपोर्ट की प्रमाणिकता को लेकर घोषणापत्र भी सब्मिट करना होगा।
सरकार की तरफ से उन देशों की की सूची जारी की गई है जहां से भारत आने वाले यात्रियों को जरुरी नियमों का पालन करना होगा। इसमें उनके भारत पहुंचने के बाद कोरोना टेस्ट भी शामिल है। इस सूची में यूरोप के देश, यूनाइटेड किंडगम, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और जिम्बाम्बे शामिल हैं। इन देशों को खतरे वाले देशों की सूची में रखा गया है।
Negative RT-PCR test report mandatory for all international passengers coming to India: Ministry of Health pic.twitter.com/8sdfmCpC9K
— ANI (@ANI) October 20, 2021
बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेशन वर्जन कोहराम मचा रहा है। 11 अक्टूबर के बाद से वहां प्रतिदिन 40 हजार के ऊपर कोरोना संक्रमित सामने आ रहे है। यह हालात तब हैं जब ब्रिटेन में आधी से ज्यादा आबादी कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ले चुकी है। यहां बूस्टर डोज भी लगना शुरू हो गया है।
इसके बावजूद यहां कोरोना का म्यूटेशन वर्जन तेजी से संक्रमण फैला रहा है। ऐसे में इसका असर भारत पर न हो इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरटी-पीसीआर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। मंत्रालय की तरफ से बयान में कहा गया है कि जो यात्री इन नियमों का उल्लंघन करेगा उस पर कड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है। हालांकि संभावित तीसरी लहर की आशंका ने चिंता बढ़ा रखी है। कोरोना के रोजाना दर्ज किये जाने वाले मामले में भी लगातार कमी आई है। देश में अब 15-20 हजार केस ही रोजाना दर्ज किये जा रहे हैं।