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रक्षा मंत्रालय ने हथियार निर्माता कंपनी 'डेनियल' को काली सूची से हटाया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की क्लोजर रिपोर्ट को आधार मानकर रक्षा मंत्रालय ने हाल में दक्षिण अफ्रीका की हथियार निर्माता कंपनी मैसर्स डेनियल को काली सूची से बाहर कर दिया है। इस क्लोजर रिपोर्ट के...

रक्षा मंत्रालय ने हथियार निर्माता कंपनी 'डेनियल' को काली सूची से हटाया
नई दिल्ली, मदन जैड़ाFri, 21 Sep 2018 04:35 AM
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की क्लोजर रिपोर्ट को आधार मानकर रक्षा मंत्रालय ने हाल में दक्षिण अफ्रीका की हथियार निर्माता कंपनी मैसर्स डेनियल को काली सूची से बाहर कर दिया है।

इस क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर दो साल पूर्व रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति ने डेनियल को काली सूची में रखे रहने की सिफारिश की थी। उसे मंत्रालय ने माना था और डेनियल हाल-फिलहाल तक काली सूची में शामिल रही। इस महीने के आरंभ में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मैसर्स डेनियल को 19 जुलाई 2018 को दक्षिण अफ्रीका के साथ हुए समझौते के तहत काली सूची से बाहर करने का निर्णय लिया गया है। पैरा-5 के तहत सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को समझौते का आधार बनाया गया है।

दरअसल, सीबीआई ने डेनियल के रक्षा खरीद से जुड़े मामले की जांच की थी। हाथ कुछ नहीं आया था और पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष जज की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसे 30 अप्रैल 2014 को स्वीकार कर लिया गया। डेनियल के खिलाफ सीबीआई ने 6 जून 2005 को एफआईआर दर्ज की थी। डेनियल को रक्षा खरीद से जुड़े दो छोटे सौदे मिले थे, जो करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये के थे। दक्षिण अफ्रीका के सामाचार पत्रों में इस सौदे में रिश्वत देने की बात आई थी।

उसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच तो की, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने तत्काल 20 अप्रैल 2005 को इस कंपनी को काली सूची में ‘पुट ऑन होल्ड’ श्रेणी में डाल दिया था। उसके तहत रक्षा मंत्रालय ने इस कंपनी के साथ तत्काल प्रभाव से रक्षा खरीद निलंबित कर दी थी। तब से यह स्थिति जारी थी।

पहले यथास्थिति की सिफारिश हुई थी 
मामले में रोचक यह है कि रक्षा मंत्रालय ने नवंबर-दिसंबर 2016 में काली सूची की समीक्षा के लिए एक समिति बनाई। समिति ने तथ्यों को देखने के बाद डेनियल के मामले में यथास्थिति बनाए रखने की सिफारिश की थी। सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट 2014 में स्वीकार हो चुकी थी, लेकिन तब यह कंपनी के सूची से हटने का आधार नहीं मानी गई।

भारत पर लगे दंड की राशि छोड़ेगी कंपनी!
रक्षा मंत्रालय के आदेश में समझौते के अन्य पहलुओं का जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन यह बात सामने आई है कि डेनियल ने काली सूची में डाले जाने के खिलाफ इंटरनेशल आर्बीटेशन में भारत के खिलाफ मामला दायर किया था। उसमें भारत को करीब 10 करोड़ डॉलर का दंड लगाया गया था। खबर है कि समझौते के तहत डेनियल ने इस राशि को छोड़ने की बात कही है। बता दें कि काली सूची से हटने के बाद खरीद की राह खुल जाती है।

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