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'मेट्रो मैन' श्रीधरन के बीजेपी में शामिल होने का केरल चुनाव में कितना पड़ेगा असर? शशि थरूर ने दिया यह जवाब

मेट्रो मैन के नाम से मशहूर केरल के ई.श्रीधरन जल्दी ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं। एक तरफ हाल ही में इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने राजनीतिक अखाड़े में उतरने काम मन बना लिया है,...

'मेट्रो मैन' श्रीधरन के बीजेपी में शामिल होने का केरल चुनाव में कितना पड़ेगा असर? शशि थरूर ने दिया यह जवाब
एजेंसी,केरलSun, 21 Feb 2021 06:36 PM
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मेट्रो मैन के नाम से मशहूर केरल के ई.श्रीधरन जल्दी ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं। एक तरफ हाल ही में इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने राजनीतिक अखाड़े में उतरने काम मन बना लिया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना है कि केरल के आगामी विधानसभा चुनाव पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।

इसके साथ ही थरूर ने इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा केरल की कुछ सीटों को छोड़कर इस चुनाव में गंभीर दावेदारी नहीं पेश कर पाएगी। थरूर ने यह भी कहा कि भाजपा के लिए 2016 के राज्य विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतकर अपने प्रदर्शन में सुधार करना भी बहुत मुश्किल होगा।

थरूर ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह इस घोषणा पर आश्चर्यचकित थे कि श्रीधरन राजनीति के अखाड़े में उतरने और भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीधरन का राजनीति में प्रवेश उनके लिए एक आश्चर्य के तौर पर सामने आया है, क्योंकि इस टेक्नोक्रेट ने अपना लंबा समय इंजीनियरिंग परियोजनाओं को अंजाम देने में बिताया है, लोकतंत्र में नीतियों को बनाने या लागू करने में नहीं।

यह पूछे जाने पर कि केरल विधानसभा चुनावों में श्रीधरन का क्या प्रभाव पड़ सकता है, तिरुवनंतपुरम से सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ''चूंकि उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि या अनुभव नहीं है, तो मुझे लगता है कि उनका प्रभाव न्यूनतम होगा। थरूर ने कहा, ''जब मैं 53 साल की उम्र में राजनीति में आया, तो मैंने महसूस किया कि मैं जिस तरह के प्रभाव के लिए सक्षम हूं, उसके लिए मैंने बहुत देर कर दी थी। मैं ऐसे व्यक्ति के बारे में क्या कह सकता हूं जो 88 साल का हो?"

इस सवाल पर कि क्या श्रीधरन का प्रवेश केरल के चुनावों को तीन तरफा मुकाबला बनाएगा, साथ ही एलडीएफ और यूडीएफ के साथ-साथ क्या भाजपा एक गंभीर दावेदार के रूप में उभरेगी? इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा मुट्ठी भर सीटों को छोड़कर कहीं भी गंभीर दावेदार के रुप में नहीं है और पिछली बार जीती हुई एक सीट के प्रदर्शन में सुधार करना भी भाजपा के लिए बहुत मुश्किल होगा।

श्रीधरन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह भाजपा में शामिल होकर राजनीति के मैदान में उतरेंगे। उन्होंने बीते सप्ताह ही कहा था कि अगर भाजपा चाहे तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और यदि पार्टी कहे तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए भी तैयार हैं।

'मेट्रोमैन' के रूप में जाने जाने वाले और बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने में कुशल माने जाने वाले 88 वर्षीय टेक्नोक्रेट ने यह भी कहा है कि उनका मुख्य उद्देश्य भाजपा को केरल में सत्ता में लाने में मदद करना है। भारतीय जनता पार्टी  में श्रीधरन के प्रवेश को केरल में पार्टी के लिए एक प्रमुख प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है।

हालांकि पिछले कई वर्षों से एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने बारी-बारी से राज्य में शासन किया है। थरूर ने कहा कि यूडीएफ में केरल के भविष्य के लिए एक नया आख्यान बनाने की प्रतिभा, अनुभव और रचनात्मक ऊर्जा है। उन्होंने कहा, ''मैं जिस चीज पर काम कर रहा हूं, उसमें सबसे ऊपर लोगों का घोषणापत्र है, न केवल इस बारे में कि कांग्रेस केरल के लोगों के लिए क्या करेगी, बल्कि केरल के लोग क्या चाहते हैं और कांग्रेस से क्या करने के लिए उम्मीद करते हैं।

कांग्रेस ने थरूर को यूडीएफ के चुनावी घोषणापत्र में विभिन्न प्रासंगिक मुद्दों को लाने की जिम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा, ''इसीलिए लोगों से यह सुझाव और जानकारी मांगना महत्वपूर्ण है कि उन्हें उनके जीवन में क्या कमी लगती है, जो एक ग्रहणशील और समावेशी सरकार प्रदान करने का प्रयास करे।"

उन्होंने कहा, ''हम अपने 'टॉक टू थरूर' अभियान को यूडीएफ के लिए रचनात्मक विचारों, जिम्मेदार शासन और हमारे लोगों की आकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए केरल के लोगों की साहस और आत्मविश्वास से सेवा करने के अवसर के रूप में देखते हैं।"

थरूर ने कहा कि यह दुखद है लेकिन यह सच है कि केरल के लोग केरल की तुलना में कहीं ज्यादा आसानी से दुनिया में हर जगह फलते-फूलते हैं। उन्होंने कहा, ''हमें केरल में केरलवासियों को पनपने से रोकने वाली बाधाओं को दूर करना चाहिए।"

आपको बता दें कि 140 सदस्यीय केरल विधानसभा के लिए इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।

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