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#MeToo अकबर के पास इस्तीफे के अलावा नहीं था कोई विकल्प

मीटू के आरोपों में फंसे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर के खिलाफ कई और महिलाओं के सामने आने के बाद उनके पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। भाजपा व सरकार से भी शीर्ष स्तर पर अकबर को इस...

#MeToo अकबर के पास इस्तीफे के अलावा नहीं था कोई विकल्प
नई दिल्ली। विशेष संवाददाताThu, 18 Oct 2018 12:07 AM
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मीटू के आरोपों में फंसे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर के खिलाफ कई और महिलाओं के सामने आने के बाद उनके पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। भाजपा व सरकार से भी शीर्ष स्तर पर अकबर को इस तरह के संकेत दे दिए गए थे। इसके पहले कि अदालत में सरकार के मंत्री के खिलाफ कई गवाहियां हो, खुद अकबर ने इस्तीफा देकर यह लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

भाजपा ने इस मामले पर सीधे तौर पर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन बीते दो दिनों की घटनाओं के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लेकर भाजपा तक में अंदरूनी तौर पर यह महसूस किया जाने लगा था कि अगर अकबर ने इस्तीफा नहीं दिया तो नुकसान पार्टी को होगा। इससे नैतिकता के सवाल तो उठेंगे ही, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी विपक्ष मुद्दा बनाएगा। 

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भाजपा सूत्रों के अनुसार अकबर को अपनी सफाई के लिए पूरा मौका मिला। उनको न तो जल्दबाजी में विदेश से बुलाया गया और न ही आते ही इस्तीफा लिया गया। अकबर की सफाई और कोर्ट जाने के बाद और भी महिलाओं के मैदान में उतर आने के बाद इस्तीफे के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। 

भाजपा नेताओं का मानना है कि अकबर के खिलाफ मामले तब के हैं, जब वे भाजपा में नहीं थे। अब उनके इस्तीफे के बाद जो भी होगा, उससे भाजपा पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। वैसे भी अकबर अदालत में गए हैं और वहां पर मामला चलेगा। 

गौरतलब है कि संघ इस मामले पर शुरू से ही गंभीर था। सरकार व पार्टी का रुख भी साफ था कि पहले अकबर को सफाई देने का मौका देंगे और उसके बाद भी मामला आगे बढ़ा तो जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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मंत्री समूह बना सकती है सरकार
देश में ‘मीटू अभियान’ के जोर पकड़ने के बीच केंद्र सरकार यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए मंत्री समूह बनाने पर विचार कर रही है। इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव किया था। यौन उत्पीड़न से संबंधित कानून में कमियों पर गौर करने के लिए सरकार मंत्री समूह (जीओएम) गठित करने पर विचार कर रही है।

यह समूह सरकार को यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों की जांच एवं आगे उठाए जाने वाले कदमों के बारे में उपाय सुझाएगा। उसके बाद सरकार ही ऐसे मामलों पर कार्रवाई और रोकथाम के लिए कदम उठाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस मंत्री समूह की अध्यक्षता वरिष्ठ महिला मंत्री करेंगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी मीटू अभियान में सामने आ रही घटनाओं पर गंभीर हैं। उन्होंने हाल ही में इन मामलों से निपटने के लिए सरकार से सेवानिवृत जजों की विशेष समिति गठित करने का ऐलान किया था। 

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शिकायत करने की सीमा नहीं
दूसरी तरफ, बच्चों के साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर महिला एंव बाल विकास मंत्रालय की सिफारिश पर कानून मंत्रालय ने साफ किया कि पाक्सो एक्ट 2012 के तहत शिकायत करने की सीमा नहीं है। कानून की धारा 19 में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। 

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