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राहत: अब तक का सबसे बड़ा सात करोड़ रुपये का मेडिकल मुआवजा

देश में अब तक के सबसे बड़े मेडिकल मुआवजे में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने दिल्ली के एक परिवार को सात करोड़ रुपये का मुआवजा दिलवाया है।  कंपनी ने खुदकुशी का मामला बता पल्ला झाड़ा : बीमा कंपनी...

राहत: अब तक का सबसे बड़ा सात करोड़ रुपये का मेडिकल मुआवजा
श्याम सुमन ,नई दिल्लीThu, 21 Mar 2019 03:00 AM
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देश में अब तक के सबसे बड़े मेडिकल मुआवजे में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने दिल्ली के एक परिवार को सात करोड़ रुपये का मुआवजा दिलवाया है। 

कंपनी ने खुदकुशी का मामला बता पल्ला झाड़ा :
बीमा कंपनी ने अजय गुप्ता का दावा उनकी मौत के बाद 2010 में खारिज कर दिया था। बीमा कंपनी का कहना था कि अजय ने कथित रूप से सायनाइड खाकर आत्महत्या की है इसलिए उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह बीमा पॉलिसी की शर्तों से कवर नहीं होती है।

पीड़ित परिवार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाए : 
अजय गुप्ता पेशे से बिजली ठेकेदार थे, जिनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। दिल्ली के अशोक विहार निवासी गुप्ता परिवार ने आयोग में दावा किया और कहा कि यह गलत है कि गुप्ता ने आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि कंपनी के डॉक्टर ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर गलत सबूत दिए हैं कि गुप्ता ने अपनी जान ली।

आयोग ने बीमा कंपनी से कहा, खुदकुशी साबित करें : 
केस पर सुनवाई करते हुए आयोग जे अध्यक्ष जस्टिस वीके जैन ने कहा कि बीमा कंपनी का दायित्व है कि वह सिद्ध करे कि बीमित व्यक्ति ने सायनाइड खाकर आत्महत्या की है।

आयोग ने कहा कि कंपनी अपने डॉक्टर का शपथपत्र लाने में विफल रही है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि विसरा और ब्लड रिपोर्ट के आने तक मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं किया जा सकता। आयोग ने कहा कि 2011 में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के तैयार होने तक तथा फोरेंसिक लैब की विसरा रिपोर्ट और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की रिपोर्ट में बताया गया कि इस बात के सबूत नहीं हैं कि गुप्ता ने साइनाइड खाया था।

पुलिस ने पैकेट बरामद होने की बात कही थी :

जस्टिस जैन ने कंपनी का यह दावा खारिज कर दिया कि पुलिस ने बताया था कि गुप्ता के पास से पैकेट बरामद किया गया था जिसमें रंगीन क्यूब थीं जो पोटेशियम सायनाइड की थीं इसलिए गुप्ता की मौत उन्हें खाकर हुई है। आयोग ने परिवार की याचिका स्वीकार कर ली और कंपनी को आदेश दिया कि परिवार को पांच करोड़ रुपये की बीमित राशि अदा करे। आयोग ने कहा कि कंपनी 1.19 करोड़ रुपये का टैक्स काट ले, लेकिन साथ ही बची हुई राशि पर 4.88 करोड़ रुपये का ब्याज अदा करे। कोर्ट ने कहा कि कंपनी 4.88 करोड़ की राशि पर 8 फीसदी का साधारण ब्याज भी देगी और यह 2013 से शुरू होगा। ब्याज की राशि दो करोड़ रुपये बनी जिससे पूरा मुआवजा सात करोड़ रुपये हो गया।

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