भारत और यूरोपीय संघ के बीच मंत्रियों के स्तर पर उच्च स्तरीय वार्ता स्थापित करने का फैसला
भारत और यूरोपीय संघ (EU) के 15वें शिखर सम्मेलम को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। विदेश मंत्रालय के सचिव विकास स्वरूप (वेस्ट) ने कहा कि इस सम्मेलन से मंत्रियों के स्तर पर उच्च स्तरीय...
भारत और यूरोपीय संघ (EU) के 15वें शिखर सम्मेलम को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। विदेश मंत्रालय के सचिव विकास स्वरूप (वेस्ट) ने कहा कि इस सम्मेलन से मंत्रियों के स्तर पर उच्च स्तरीय वार्ता स्थापित करने का फैसला किया है। यह फैसला व्यापार और निवेश समझौते के संदर्भ में व्यापार संबंधों के साथ-साथ व्यापार और निवेश समझौतों के विकास का मार्गदर्शन करने के लिए है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है, जिसका यूएस 91 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश है। शिखर सम्मेलन बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित किया गया था। इसमें दोनों पक्षों के नेताओं के बीच आपसी सम्मान और प्रशंसा दिखी, जो कि उनके पिछले संबंधों को दिखाती थी।
An important outcome of the Summit is the decision to establish a high-level dialogue at level of the ministers
— ANI (@ANI) July 15, 2020
to guide the development of trade relations as well as trade&investment agreements in the context of trade&investment agreement: Secretary-West, MEA on India-EU Summit pic.twitter.com/7iZUp3fbQh
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से यह सम्मेलन डिजिटल तरीक से आयोजित किया गया था। वैश्विक और क्षेत्रीय विकास की समीक्षा के हिस्से के रूप में, चीन के साथ हमारे संबंधों का विषय भी सामने आया है। पीएम ने भारत-चीन संबंधों पर सामान्य और सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति पर हमारे विचार साझा किए है।
आतंकवाद पर हुई चर्चा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस सम्मेलन में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते को लेकर अंतिम फैसला के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि दो मंत्रियों को जल्द से जल्द मिलना चाहिए। इसके अलावा दोनों पक्षों के नेताओं के आतंकवाद की चुनौतियों पर भी विस्तार से चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस चर्चा के दौरान पाकिस्तान का जिक्र भी हुआ है।