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सरकार की बाजार उधारी हुई 2.54 लाख करोड़, बजट अनुमान का 57 फीसदी

सरकार की बाजार उधारी इस साल जून महीने तक 2.54 लाख करोड़ रुपये हो गई जोकि बजट अनुमान का 57 फीसदी है। वित्त वर्ष के दौरान बाजार उधारी का बजट 4.48 करोड़ रुपये है। महालेखा नियंत्रक के अनुसार, पिछले साल की...

 सरकार की बाजार उधारी हुई 2.54 लाख करोड़, बजट अनुमान का 57 फीसदी
नई दिल्ली, आईएएनएसSun, 18 Aug 2019 07:43 AM
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सरकार की बाजार उधारी इस साल जून महीने तक 2.54 लाख करोड़ रुपये हो गई जोकि बजट अनुमान का 57 फीसदी है। वित्त वर्ष के दौरान बाजार उधारी का बजट 4.48 करोड़ रुपये है। महालेखा नियंत्रक के अनुसार, पिछले साल की समान अवधि में उधारी की यह राशि बजट अनुमान का 31 फीसदी थी।  

सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए निर्धारित डेटेड सिक्योरिटी और ट्रेजरी बिल के माध्यम से बाजार से फंड जुटाती है। इस वित्त वर्ष का राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी है। सरकार की सकल उधारी 7.06 लाख करोड़ रुपये का 60 फीसदी यानी 4.25 लाख करोड़ रुपये पहले ही ग्रहण किया जा चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 68 फीसदी से कम है।

सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में बाजार से 4.48 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है जोकि पिछले वित्त वर्ष के 4.47 लाख करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक राशि है।

पशुपालन से किसान बढा सकतें है आमदनी : गिरिराज

केन्द्रीय मत्स्य एवं पशु पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि किसानों की आय को दुगुना करने के लिए कृषि के साथ-साथ पशुपालन करना अति आवश्यक है। केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के केन्द्रीय सभागार में शनिवार में अनुसूचित जाति के लिए एक दिवसीय वैज्ञानिक बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री सिंह ने कहा कि खेतीबाड़ी के साथ किसान भैस, मुगीर्, बकरी का पालन कर अपनी आय में इजाफा कर सकता है। 

उन्होंने कहा कि पशु चारे के रूप में वैज्ञानिक शोधों से निष्कर्ष निकला है कि सहजन में ऐसे पोषक तत्व पाये जाते है जो कि पशुओं के लिए बहु उपयोगी है, तथा इसके उपयोग से पशुओं में दूध एवं मांस में  वृद्धि को देखा गया है। इसलिए  सहजन को चारे के रूप में उपयोग करके किसान चारे की लागत मूल्य को घटा सकते है तथा अपनी आय को बढ़ा सकते है। सिंह ने कहा कि किसानों की खुशहाली के बगैर देश खुशहाल नहीं होगा। अनुसंधान कायोर् को किसानों तक त्वरित गति से पहुंचाना चाहिए ताकि उनका लाभ किसानों को मिल सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 350 किसान, बकरी पालकों ने भाग लिया जिसमें से 140 से अधिक महिलाऐं शामिल थी।
 

(ये खबर न्यूज एजेंसी आईएएनएस से ली गई है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।)

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