नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक लोगों ने किया मार्च
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment act) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन अब भी जारी है। इस बीच सोमवार को लोग नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर पर दिल्ली के मंडी हाउस से...
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment act) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन अब भी जारी है। इस बीच सोमवार को लोग नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर पर दिल्ली के मंडी हाउस से लेकर संसद तक मार्च कर रहे हैं।
Delhi: Protest march held from Mandi House to Parliament House against Citizenship Amendment Act, National Register of Citizens and National Population Register pic.twitter.com/2xMiEOtVmA
— ANI (@ANI) February 10, 2020
उधर, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में बिलाल मस्जिद के नजदीक महिलाओं ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर पर प्रदर्शन किया।
Karnataka: Women protest against Citizenship Amendment Act (CAA), National Register of Citizens (NRC), & National Population Register (NPR) near Bilal Masjid in Bengaluru. pic.twitter.com/if5Q3oNpu9
— ANI (@ANI) February 10, 2020
उधर, दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से भी ज्यादा से लोग एक जगह पर बैठकर प्रदर्शन कर रह हैं। इसमें अधिकतर महिला और बच्चे शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को हटाने वाली मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विरोध से दूसरों को परेशानी न हो, ऐसा अनिश्चित काल के लिए नहीं होना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि इतने समय तक आप रोड कैसे ब्लॉक कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी की होगा।
वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी सहित कई लोगों की तरफ से दायर एक याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया गया था। याचिका में शाहीन बाग के बंद पड़े रास्ते को खुलवाने की मांग की गई थी। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि इस पूरे मसले में हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज या हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज द्वारा निगरानी की जाए।
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