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हलवाई, रेहड़ी वालों को इस्तेमाल किया हुआ तेल बेच रहे बड़े रेस्तरां

कई नामचीन रेस्तरां इस्तेमाल होने के बाद बचने वाला खराब तेल सस्ते दाम पर छोटे हलवाइयों और रेहड़ीवालों को बेच रहे हैं, जो नुकसानदायक है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से जुड़े एक...

हलवाई, रेहड़ी वालों को इस्तेमाल किया हुआ तेल बेच रहे बड़े रेस्तरां
स्कन्द विवेक धर, नई दिल्ली| Mon, 06 May 2019 07:08 AM
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कई नामचीन रेस्तरां इस्तेमाल होने के बाद बचने वाला खराब तेल सस्ते दाम पर छोटे हलवाइयों और रेहड़ीवालों को बेच रहे हैं, जो नुकसानदायक है।

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘हिन्दुस्तान' को बताया कि बड़े रेस्तरां शुद्ध तेल में विभन्न उत्पाद तलते हैं। बचे हुए तेल का वे दोबारा इस्तेमाल नहीं करते लेकिन इसी तेल को 20-25 रुपये प्रति लीटर की दर पर छोटे दुकानदारों को बेच रहे हैं। ये दुकानदार इस तेल का इस्तेमाल समोसा, पकौड़े जैसे सामानों को तलने में करते हैं।

अधिकारी ने बताया कि पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में कुछ ठेकेदार इन बड़ी चेन से जुड़कर इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं। एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने ‘हिन्दुस्तान' से कहा कि इस्तेमाल किए तेल को दोबारा बेचने की शिकायत मिलने पर हम कार्रवाई करते हैं। इसे रोकने के लिए बायो डीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ ‘रुको' अभियान चला रहे हैं।

कितनी बार प्रयोग
एफएसएसएआई के मानकों के मुताबिक ऐसे खाद्य तेल जिसमें टोटल पोलर कंपाउंड (टीपीसी) की मौजूदगी 25% से ज्यादा हो चुकी हो, उसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। किसी भी तेल को तीसरी बार तलने के लिए इस्तेमाल करते ही उसमें टीपीसी की मात्रा 25% या इससे अधिक हो जाती है। यानी बड़े रेस्तरां से बिकने वाले तेल से बनने वाले उत्पाद हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

बीमारियों का खतरा
एक तेल को बार-बार तलने के लिए इस्तेमाल से उसके रासायनिक और पौष्टिक गुण बदल जाते हैं। इस दौरान पैदा होने वाले टीपीसी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। टीपीसी का सीधा संबंध रक्तचाप, लीवर की बीमारियों, ऐथिरोस्क्लेरोसिस और अल्जाइमर से है।

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