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मणिपुर हिंसा में 60 लोगों की मौत और 231 घायल, 1700 घर जलकर खाक; जानें अब कैसे हैं हालात

हिंसा प्रभावित मणिपुर में सोमवार को सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटने लगा है। इंफाल में लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए अपने घरों से निकले।

मणिपुर हिंसा में 60 लोगों की मौत और 231 घायल, 1700 घर जलकर खाक; जानें अब कैसे हैं हालात
Niteesh Kumarलाइव हिन्दुस्तान,इंफालMon, 08 May 2023 08:26 PM
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मणिपुर में भड़की हिंसा में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है और 231 घायल हैं। राज्य के मुख्यंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ घायलों को स्थिति गंभीर बनी हुई है। सीएम ने कहा कि झड़प के दौरान करीब 1700 घरों में आग लगा दी गई जिससे वे जलकर खाक हो गए। उन्होंने कहा, '3 मई को हुई यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा के दौरान मारे गए सभी लोग निर्दोष थे। मणिपुर के लोगों से मैं अपील करता हूं कि भाईचारा बनाए रखें। हम सभी को मिलजुलकर शांति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।' 

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले व्यक्तियों और समूहों का पता लगाया जाएगा। इसके लिए जल्द से जल्द एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के जो लोग यहां फंसे हुए हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए सरकार ने कई सारे कदम उठाए हैं। इन लोगों को सुरक्षित वापस भेजने का काम शुरू भी हो चुका है। बीरेन सिंह ने कहा कि वह हिंसा प्रभावित राज्य में स्थिति को सुधारने में मदद के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए समर्थन को लेकर उनके आभारी हैं। उन्होंने कहा, 'स्थिति पर नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य में आगे कोई हिंसा न हो, मैं लगातार गृह मंत्री के कार्यालय के संपर्क में हूं।'

छात्रों की निकासी का सिलसिला जारी
मणिपुर से सिक्किम के 128 छात्रों को सोमवार को वापस लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में फंसे छात्रों को राज्य सरकार के 'ऑपरेशन गुरास' के तहत वापस लाया गया है। वहीं, राजस्थान सरकार द्वारा मणिपुर में फंसे छात्रों के लाने के लिए इंडिगो एयरलाइन्स के माध्यम से 2 विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई है। आज सुबह पहली फ्लाइट में 36 और दूसरी फ्लाइट में 46 (कुल 82) छात्र इंफाल से कोलकाता के लिए रवाना हुए। हिमाचल प्रदेश के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक, अगर कोई छात्र मदद चाहता है तो मोबाइल नंबर 98169-66635 या 0177-266988  पर संपर्क कर सकता है। 

सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील
हिंसा प्रभावित मणिपुर में सोमवार को सुबह कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। इसके साथ ही जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटने लगा है। अधिकारियों ने बताया कि इंफाल में लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए अपने घरों से निकले। कर्फ्यू में ढील के दौरान सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए स्थिति पर नजर रखी गई। पिछले कुछ दिनों से जातीय हिंसा से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च किया। उन्होंने बताया कि गत बुधवार को हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर में सेना की 100 से अधिक कॉलम को तैनात किया गया। हिंसा प्रभावित राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए असम राइफल्स, अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस के लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

आखिर क्यों भड़की है हिंसा?
गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की ओर से उसे अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध हो रहा है। इसे लेकर 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' की ओर से बुधवार को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी। मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जारी जातीय हिंसा और अराजकता के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे करीब 23,000 लोगों को अभी तक निकाला गया है और इन्हें सैन्य छावनियों में भेजा गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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