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CBI vs Mamata: सरकार के खिलाफ फिर मिला विपक्ष को एकजुट होने का मौका

सीबीआई को लेकर केंद्र एवं पश्चिम बंगाल सरकार के बीच हुए टकराव ने विपक्ष को एक बार फिर से संसद के बाहर और भीतर एकजुट होने का मौका मिल गया है। इस मसले पर विपक्ष ने एकजुट होकर केंद्र सरकार पर सीबीआई और...

CBI vs Mamata: सरकार के खिलाफ फिर मिला विपक्ष को एकजुट होने का मौका
मदन जैड़ा,नई दिल्लीTue, 05 Feb 2019 06:15 AM
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सीबीआई को लेकर केंद्र एवं पश्चिम बंगाल सरकार के बीच हुए टकराव ने विपक्ष को एक बार फिर से संसद के बाहर और भीतर एकजुट होने का मौका मिल गया है। इस मसले पर विपक्ष ने एकजुट होकर केंद्र सरकार पर सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को आरोप तो लगाया ही है, साथ ही यह भी कहा कि वह संघीय ढांचे के विरुद्ध कार्य कर रही है।

रविवार को सीबीआई टीम के कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर पहुंचने के बाद उत्पन्न हुआ यह विवाद सोमवार को भी गर्म रहा। इसके चलते संसद के दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा है। इस विवाद में जहां कांग्रेस समेत विपक्ष के तमाम दल ममता के पक्ष में खड़े दिखे। यहां तक कि ममता के धुर विरोधी वामदलों ने भी सीबीआई की नीयत और वक्त पर सवाल उठाए हैं। वामदल, जो भाजपा और तृणमूल को बराबर विरोध की नजर से देखते हैं, वे भी सीबीआई की कार्रवाई को प्रायोजित बताने से नहीं चूक रहे।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़ने कहा कि जिस प्रकार सीबीआई के इस्तेमाल के जरिये दबाव डालने की राजनीति भाजपा कर रही है, हम उसका विरोध करेंगे। जो भी कार्रवाई होनी चाहिए वह कानून के दायरे में होनी चाहिए। लेकिन जिस प्रकार से सीबीआई, ईडी आदि एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधियों के दमन के लिए किया जा रहा है, उससे साफ है कि इन एजेंसियों की स्वायत्ता खत्म की जा रही है। उनका इस्तेमाल सरकार राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।

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सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार के मुद्दों पर एकजुटता प्रदर्शित होने से विपक्ष जिन मुद्दों पर अभी विभाजित है, अब वह एकजुट होकर अपनी लड़ाई को ज्यादा आक्रामक बना सकता है। कांग्रेस चाहती है कि राफेल के मुद्दे को सभी विपक्षी दल उठाएं। इस प्रकरण पर ममता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के बाद आने वाले दिनों में तृणमूल पर भी यह दबाव होगा कि वह राफेल मुद्दा भी उठाएं। यानी इस एकजुटता से सरकार के खिलाफ विपक्ष की मुहिम और तेज हो सकती है।

समझा जाता है कि संसद में अगले कुछ दिनों तक गतिरोध कायम रहने से कई विधेयक लटक सकता है। तीन तलाक और नागरिकता विधेयकों का लटकना पहले से तय है। लेकिन अब कंपनी अध्यादेश, एसीआई अध्यादेश जैसे विधेयकों को पारित करने में भी विपक्ष अडंगे लगा सकता है।

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ममता के समर्थन में उतरा विपक्ष
बंगाल से मिल रही खबरों से हताश हूं। हर कीमत पर सत्ता फिर से हासिल करने को आमादा भाजपा सरकार में संस्थाओं पर से भरोसा पूरी तरह उठ गया है। ममता जी इसका विरोध कर रही हैं और उन्हें इन कदमों के पीछे का मकसद समझने वालों का समर्थन प्राप्त है। - जयंत चौधरी, उपाध्यक्ष, रालोद

हम विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और राष्ट्रव्यापी मुहिम पर एक कार्ययोजना तैयार करेंगे। टीडीपी सांसद अन्य विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर सीबीआई संबंधी इस मामले का कड़ा विरोध करेंगे।- चंद्रबाबू नायडू, मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश 

विपक्ष का विरोध केंद्र सरकार के गुरूर के खिलाफ है। आलोक वर्मा मामले के बाद से सीबीआई की विश्वसनीयता नहीं बची है। हम देखेंगे कि चुनाव के बाद जेल कौन जाएगा।- मनोज झा, राजद 

पश्चिम बंगाल में जो हुआ, वह हमारे संविधान द्वारा दिए गए राज्य के संघीय अधिकारों पर हमला है। हम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं।- एचडी कुमारस्वामी, मुख्यमंत्री, कर्नाटक 

देश में सीबीआई जैसे संवैधानिक संस्थाओं का विरोधियों के खिलाफ दुरुपयोग किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम ममता जी के साथ हैं। अगर इस तरह से संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाले उठेंगे, तो संघीय ढांचे में दरार पड़ जाएगी।- महबूबा मुफ्ती, अध्यक्ष, पीडीपी 

मैं पश्चिम बंगाल में हुई घटना को सुनकर स्तब्ध हूं। देश ने आपातकाल के दौरान भी ऐसे ही असंवैधानिक कदमों को देखा था। पश्चिम बंगाल में स्थिति आपातकाल के दिनों जैसी है। लोकतंत्र को बचाएं।- एचडी देवोगौड़ा, अध्यक्ष, जेडीएस 

सीबीआई की संस्थागत विश्वसनीयता बहाल की जानी चाहिये। हम एक परिपक्व लोकतंत्र हैं और पेशेवर रुख बरकरार रखा जाना चाहिए। अब आम चुनावों से पहले इस तरह गैर पेशेवराना कदम उठाया जाना राजनीति से प्रेरित है।- बीजद

 भाजपा सरकार के कार्यकाल में सभी संस्थानों की स्वतंत्रता से खिलवाड़ किया गया है। वह देश के संघीय ढांचे की सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए ममता बनर्जी के साथ खड़े होने जा रहे हैं।- एमके स्टालिन, अध्यक्ष, द्रमुक 

तृणमूल कांग्रेस के विरुद्ध भ्रष्टाचार और चिट फंड घोटाले के मामले काफी पहले से सार्वजनिक हो रहे हैं। लेकिन भाजपा सरकार चुप रही। अब पांच वर्ष बाद यह सरकार जांच का नाटक कर रही है और तृणमूल अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए धरने का नाटक कर रही है।- सीताराम येचुरी, महासचिव, माकपा 

भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों और सीबीआई के खुलेआम राजनीतिक दुरुपयोग के कारण जिस तरह देश, संविधान और जनता की आजादी खतरे में में है। उसके खिलाफ ममता बनर्जी जी के धरने का हम पूर्ण समर्थन करते हैं।- अखिलेश यादव, अध्यक्ष, सपा 

जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेस धरने पर बैठी ममता बनर्जी का समर्थन करती है। सीबीआई का राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर केंद्र सरकार ने संस्थानों के दुरुपयोग की सभी सीमाओं को लांघ दिया है।- उमर अब्दुल्ला, नेशनल कांफ्रेंस 

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