‘आजादी के पहले और अब’, दो तस्वीरों से नई संसद के उद्धाटन पर ममता बनर्जी का तंज
नई संसद के उद्धाटन से दूरी बनाने वाली ममता बनर्जी ने एक बार फिर इसको लेकर तंज किया है। ममता बनर्जी ने इस बार तस्वीरों के जरिए निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दो फोटो ट्वीट की हैं।
नई संसद के उद्धाटन से दूरी बनाने वाली ममता बनर्जी ने एक बार फिर इसको लेकर तंज किया है। ममता बनर्जी ने इस बार तस्वीरों के जरिए निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दो फोटो ट्वीट की हैं, जिनमें से एक आजादी के बाद की है और एक रविवार को नई संसद भवन के लोकार्पण की। पहली तस्वीर में जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अपने मंत्रालय के साथ नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुजारियों और कुछ मंत्रियों के साथ दिखाई दे रहे हैं।
तब और अब
ममता बनर्जी ने इस फोटो के साथ कुछ भी नहीं लिखा है। ट्वीट की गई फोटो में नेहरू के मंत्रिमंडल वाली तस्वीर पर लिखा है आजादी के बाद। वहीं नई संसद के उद्धाटन के बाद वाली फोटो पर लिखा है और अब। गौरतलब है कि ममता बनर्जी की पार्टी ने नई संसद भवन के उद्धाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। उनके अलावा कुछ अन्य दलों ने भी ऐसी ही मांग की थी। टीएमसी का कहना था कि नई संसद का उद्धाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए था। ममता की पार्टी का कहना था कि प्रधानमंत्री खुद को सुर्खियों में रखना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रपति को कार्यक्रम से दूर कर दिया है।
टीएमसी ने जताया है विरोध
इसके अलावा टीएमसी ने लोकसभा कक्ष में सेंगोल को स्थापित किए जाने पर भी आपत्ति जताई थी। टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने उद्धाटन के मौके पर धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर भी विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय संविधान में भारत को एक धर्मनिरेपक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में बताया गया है। ऐसे में नई संसद के उद्धाटन के मौके पर धार्मिक आयोजन संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं। ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी इसको लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।