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मालेगांव ब्लास्ट केस: कर्नल पुरोहित 9 साल जेल से हुए आजाद, सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत

साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित आज नौ वर्षों बाद जेल से बाहर आए। मुंबई की तलोजा जेल में बंद कर्नल पुरोहित को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत...

मालेगांव ब्लास्ट केस: कर्नल पुरोहित 9 साल जेल से हुए आजाद, सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत
लाइव हिन्दुस्तान टीम। ,मुंबई Wed, 23 Aug 2017 12:45 PM
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साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित आज नौ वर्षों बाद जेल से बाहर आए। मुंबई की तलोजा जेल में बंद कर्नल पुरोहित को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिली थी। वह 2008 से ही जेल में बंद थे। कर्नल पुरोहित इंडियन आर्मी के पहले ऐसे सर्विंग ऑफिसर हैं जिन पर आतंकवादी गतिविधियों के आरोप लगे और उन्हें जेल में रहना पड़ा। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
बांबे हाई कोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी थी। कर्नल पुरोहित पिछले नौ वर्षों से नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद थे। लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह सिर्फ सेना के जासूस के तौर पर काम कर रहे थे और किसी भी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं रहे हैं। जेल से बाहर आने के बाद सेना की पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई। यहां पर कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद उनका निलंबन रद्द किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में कर्नल पुरोहित का केस मशहूर वकील हरीश साल्वे ने लड़ा था।  इस केस की जांच पहले महाराष्ट्र एटीएस को सौंपी गई और इसके बाद एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया। 

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने 
लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'किसी भी नागरिक की आजादी निश्चित तौर पर अहम है लेकिन इसे समुदाय की सुरक्षा के साथ संतुलित करना होगा। एक संतुलन में आरोपी की व्यक्तिगत आजादी और जांच से जुड़े उसके सभी अधिकार बरकरार रहने जरूरी होते हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एटीएस और एनआईए की चार्जशीट में काफी अंतर था। कोर्ट का कहना था कि बिना सुबूतों की जांच के कौन सी चार्जशीट सही है इसका पता लगाने में वह असमर्थ है और यह काम ट्रायल कोर्ट का है।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिस केस में कर्नल पुरोहित को आरोपी बनाया गया है उसमें अधिकतम सजा सात वर्ष की है और वह नौ वर्ष पहले ही जेल में काट चुके हैं। 

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