वायनाड लैंडस्लाइड के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने पीएम मोदी को भेजा मैसेज, क्या कहा?
मुइज्जू ने वायनाड लैंडस्लाइड के पीड़ितों के परिवारों, उनके प्रियजनों और प्रभावित सभी लोगों को इस दुर्भाग्यपूर्ण आपदा के दर्दनाक परिणामों से उबरने की शक्ति की कामना की।
Maldives on Wayanad Landslide: केरल के वायनाड जिले में लैंडस्लाइड ने कहर बरपा दिया है। इस हादसे में अब तक 167 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। लैंडस्लाइड हादसे पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा है। मुइज्जू ने वायनाड लैंडस्लाइड के बारे में गहरा दुख व्यक्त किया और इस आपदा से हुई व्यापक जान-माल की हानि, आजीविका और तबाही को अकल्पनीय त्रासदी बताया।
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, बयान में कहा गया, "अपने संदेश में राष्ट्रपति ने सरकार और मालदीव के लोगों की ओर से संवेदना व्यक्त की। उन्होंने उम्मीद जताई कि घटनास्थल पर खोज और बचाव कार्य तेजी से और सफलतापूर्वक चलेगा।" बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति ने केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन के बारे में जानकर गहरा दुख व्यक्त किया, जिसमें सौ से अधिक (अब आंकड़ा बढ़कर 167 से अधिक हो गया है) लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।''
मालदीव के राष्ट्रपति ने इस आपदा के कारण हुई जान-माल की भारी क्षति और तबाही को एक अकल्पनीय त्रासदी बताया। संदेश के अंत में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने वायनाड लैंडस्लाइड के पीड़ितों के परिवारों, उनके प्रियजनों और प्रभावित सभी लोगों को इस दुर्भाग्यपूर्ण आपदा के दर्दनाक परिणामों से उबरने की शक्ति की कामना की।
मृतकों की संख्या 167 हुई, 219 घायल
बता दें कि केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। बचाव दल ने तलाशी अभियान के दूसरे दिन मलबे में फंसे लोगों को खोजने के प्रयास तेज कर दिए हैं। वायनाड जिला प्रशासन ने इस आपदा में 167 लोगों की मौत होने की पुष्टि की। जिला प्रशासन ने कहा कि 167 मृतकों में 22 बच्चे भी शामिल हैं। इसने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 219 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनमें से 78 का इलाज अभी भी जारी है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन कहा, ''वायनाड में बचाव अभियान जारी है। हमने अपनी धरती पर पहले कभी ऐसे भयानक दृश्य नहीं देखे हैं।''
एनडीआरएफ, सेना बचाव अभियान में जुटी
इस बीच थलसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, क्षेत्र में तैनात सेना की टुकड़ियों ने मंगलवार रात तक प्रभावित क्षेत्रों से लगभग एक हजार लोगों को बचाया। इसके अलावा, वायुसेना तलाशी और बचाव कार्यों में समन्वय के लिए प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रही है। सेना के जवान, एनडीआरएफ, राज्य आपात सेवा के जवान और स्थानीय लोगों समेत बचावकर्मी, कई इलाकों में बारिश जारी रहने के बावजूद इस कठिन अभियान को अंजाम देने के लिए सभी बाधाओं से जूझ रहे हैं। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को जान बचाने का मौका तक नहीं मिल सका। बुधवार सुबह भूस्खलन से तबाह मुंडक्कई गांव में बचाव अभियान फिर से शुरू होने पर जमींदोज हुए मकानों के अंदर बैठे और लेटी हुई अवस्था में शवों के भयावह दृश्य देखने को मिले।