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रेल यात्रियों को ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा मिले : राजनाथ सिंह

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को रेल मंत्रालय से कहा कि यात्रियों के लिए ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा शुरू की जाए, क्योंकि कई बार अधिकार क्षेत्र को लेकर यात्रियों को दिक्कतों का सामना...

रेल यात्रियों को ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा मिले : राजनाथ सिंह
नई दिल्ली | एजेंसियांWed, 16 Jan 2019 08:50 PM
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को रेल मंत्रालय से कहा कि यात्रियों के लिए ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा शुरू की जाए, क्योंकि कई बार अधिकार क्षेत्र को लेकर यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय रेल सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, यात्रियों के लिए ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा नहीं है। अगर कोई रेलगाड़ी से यात्रा कर रहा है (और उसे कुछ होता है) तो उसे प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाना जाना पड़ता है। इसके बाद इसे राज्य, फिर जिले और अंतत: संबंधित थाने भेजा जाता है। उसे न्याय मिले इसकी कोई गारंटी नहीं होती। इसलिए यात्रियों को ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा दी जानी चाहिए, जो थानाक्षेत्र से मुक्त हो। 

गृहमंत्री ने अपराध और अपराधी निगरानी नेटवर्क व्यवस्था (सीसीटीएनएस) का हवाला देते हुए कहा, रेलवे के अधिकारियों को ऑनलाइन एफआईआर पर चर्चा कर फैसला करने की जरूरत है। हम गृह मंत्रालय से हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस बात पर गौर करेंगे कि क्या रेल यात्रियों की तरफ से दर्ज कराई गई ऑनलाइन प्राथमिकी को सीसीटीएनएस व्यवस्था से जोड़ा जा सकता है अथवा नहीं। इसमें नागरिकों को ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा मिलती है। कार्यक्रम में मौजूद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि गृह मंत्री के सुझाव पर वह गौर करेंगे।आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक रेल यात्रियों द्वारा प्रति वर्ष चोरी के 24 हजार मामले दर्ज कराए जाते हैं।

बहुआयामी उपाय की जरूरत 

राजनाथ सिंह ने रेलवे की समग्र सुरक्षा की दृष्टि से उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में वहां की सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक अलग-अलग फार्मूले बनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हर सुरक्षा परिस्थिति के लिए एक ही फार्मूला कारगर नहीं होता है।

जांच के दौरान हो गरिमा का ख्याल 

गृह मंत्री रेलवे परिसरों एवं ट्रेनों में गश्त की व्यवस्था दुरुस्त करने एवं सामान की जांच को मानवीय गरिमा के अनुरूप करने पर बल दिया। साथ ही गृह मंत्रालय की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने की पेशकश की। उन्होंने आशा जताई कि आज की बैठक में रेलवे की सुरक्षा की दृष्टि से अहम निर्णय होंगे।

जवानों को संवेदनशील बनाने पर कर रहे काम : गोयल

सम्मेलन में मौजूद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे ने अधिकारियों एवं जवानों के बेहतर प्रशिक्षण एवं संवेदनशील बनाने पर बल दिया है। छह हजार स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके बाद सभी 12 हजार यात्री गाड़ियों में सीसीटीवी कैमरों से लैस करने का कोम होगा। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के साथ चेहरे को पहचानने एवं असामान्य गतिविधि को तुरंत नोटिस करने की क्षमता से युक्त किया जाएगा। उन्होंने रेलवे सुरक्षा के लिए आरपीएफ एवं जीआरपी को मिलजुल कर एक साझा रणनीति बनाने एवं समन्वय से काम करने का भी आह्वान किया।

आरपीएफ को मिले कानूनी अधिकार : सिन्हा

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आरपीएफ के पास पर्याप्त कानूनी अधिकार नहीं है। इसकी वजह से अपराध पर प्रभावी नियंत्रण करने की शक्ति नहीं है। इस कारण घटना होने पर आरपीएफ पर ही दोषारोपण होता है। उन्होंने इसके लिए कानून में बदलाव किए जाने का भी बात कही। सिन्हा ने कहा कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था में संसाधनों की कोई कमी नहीं रखी जाएगी। रेल यात्रियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, इस पर विचार किया जाना चाहिए।

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