महाराष्ट्र: अंधेरी रात के बारह घंटे में कुछ ऐसी की गई नई सुबह की तैयारी
दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक के शीर्ष भाजपा नेता शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक जागते रहे। महाराष्ट्र के राजभवन से लेकर दिल्ली में गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन में खासी हलचल रही। प्रधानमंत्री...
दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक के शीर्ष भाजपा नेता शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक जागते रहे। महाराष्ट्र के राजभवन से लेकर दिल्ली में गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन में खासी हलचल रही। प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कुछ विशेष अधिकारी सारी स्थिति पर नजर रखे रहे। बारह घंटे के इस घटनाक्रम में महाराष्ट्र में नई सरकार का दावा पेश होने, राष्ट्रपति शासन को हटाने की सिफारिश, उसे हटाने और नई सरकार का शपथ ग्रहण सब कुछ हो गया। खास बात यह रही कि विपक्षी खेमे को इसकी भनक तक नहीं लगी।
भाजपा ने अपने पत्ते शुक्रवार दोपहर से चलने शुरू कर दिए थे। दोपहर में भाजपा के महाराष्ट्र के चुनाव प्रभारी, पार्टी महासचिव और सांसद भूपेंद्र यादव मुंबई रवाना हो गए थे। दिल्ली में शांति बनी हुई थी। सभी की नजरें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की बैठक पर थीं। भाजपा नेतृत्व की अजित पवार के साथ सारी बातें पहले ही तय हो चुकी थीं।
उद्धव के नाम का ऐलान होने तक इंतजार:
सूत्रों के अनुसार यह तय किया गया था कि पहले शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के नाम की घोषणा हो जाने दो उसके बाद सारा अभियान शुरू किया जाएगा। हुआ भी ऐसा। शिवसेना अपनी सरकार व अपने नेता के मुख्यमंत्री बनना तय होते ही अगले दिन के जश्न की तैयारी में डूब गई और भाजपा ने अपना मिशन मुंबई शुरू कर दिया।
देर शाम फडणवीस ने दावा पेश किया:
मुंबई में शाम को जब शरद पवार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भावी मुख्यमंत्री बता रहे थे, तभी बैठक से निकलकर गए उनके भतीजे व एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार भाजपा नेताओं के पास पहुंच गए। पटकथा लिखी जा चुकी थी। देवेंद्र फणनवीस ने राजभवन जाकर देर शाम दावा पेश किया और एनसीपी के समर्थन की सूची सौंपी। राज्यपाल ने एनसीपी के नेता के आने की बात कही।
रात पौने 12 बजे अजित ने सूची सैंपी:
इसके बाद लगभग पौने 12 बजे अजित पवार अपने विधायकों की हस्ताक्षर युक्त सूची लेकर राजभवन पहुंच गए। भाजपा नेता देवेंद्र फणनवीस भी वहां पर पहुंचे थे, जिनके पास अपने 105 व निर्दलीय 14 विधायकों का समर्थन था। एनसीपी के 54 विधायकों के समर्थन के साथ 173 विधायकों के समर्थन के पत्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सोंपे गए।
तड़के चार बजे राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला:
इसके साथ ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन हटाने की संस्तुति केंद्रीय गृह मंत्रालय को कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट के कामकाज के नियम 12 के तहत राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश कर दी। इस नियम के तहत प्रधानमंत्री में मंत्रिमंडल की सभी शक्तियां निहित होने से फैसले लेने का अधिकार है। बाद में इस फैसले को मंत्रिमंडल अनुमोदित करता है। राष्ट्रपति ने सारी स्थिति पर विचार करते हुए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में लगभग चार बजे राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला किया और एक घंटे के भीतर महाराष्ट्र के राज्यपाल को इसकी सूचना दे दी गई।
सुबह आठ बजकर सात मिनट पर शपथ ग्रहण:
अभी रात का अंधेरा बाकी था। सुबह के छह बजे थे देवेंद्र फडणवीस को राजभवन से सरकार बनाने व शपथ ग्रहण का न्योता भेज दिया गया। फडणवीस ने अजित पवार को इसकी सूचना दी। उन्होंने राजभवन से अपने साथ अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए अनुरोध किया। तब तक सूर्योदय हो गया था। इसके बाद दोनों दलों के प्रमुख नेता साढ़े सात बजे राजभवन में पहुंच गए। आठ बजकर सात मिनट पर नई सरकार ने शपथ ग्रहण किया।
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