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LIVE: कमलनाथ बोले, बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज दोपहर दो बजे मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाया गया है, जिसमें फ्लोर टेस्ट के दौरान फैसला होगा कि मुख्यमंत्री के पद पर कमलनाथ बने रहेंगे या बीजेपी की दोबारा सत्ता में...

LIVE: कमलनाथ बोले, बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 20 Mar 2020 01:07 PM
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज दोपहर दो बजे मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाया गया है, जिसमें फ्लोर टेस्ट के दौरान फैसला होगा कि मुख्यमंत्री के पद पर कमलनाथ बने रहेंगे या बीजेपी की दोबारा सत्ता में वापसी होगी और कमल खिलेगा। इससे पहले कमलनाथ ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि बीजेपी पिछले 15 महीनों से राज्य सरकार को गिराने की तैयारी कर रही थी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद गुरुवार को आदेश दिए था कि मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 20 मार्च को बुलाया जाए। अदालत ने हाथ उठाकर सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि शुक्रवार शाम 5 बजे तक विधानसभा में शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। अभी की स्थिति में विधायकों का अंकगणित बीजेपी के पक्ष में है। दोनों ही दलों कांग्रेस और भाजपा ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है।

Madhya Pradesh Goverment Floor Test Live Updates

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ: 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि हम प्रदेश को नई दिशा दें, प्रदेश की तस्वीर बदलें। मेरा क्या कसूर था? इन 15 महीनों में मेरी क्या गलती थी?

- कमलनाथ ने कहा कि राज्य की जनता ने मुझे पांच साल के लिए समर्थन दिया था।

 

- कमलनाथ ने कहा बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

- सीएम कमलनाथ ने कहा, बीजेपी के 15 साल और मेरे 15 महीने, बीजेपी मेरी सरकार को गिराने के लिए पिछले 15 महीनों से साजिश रच रही थी।

- मध्यप्रदेश विधानसभा स्पीकर एन.पी. प्रजापति ने कहा कि मैंने 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। विधानसभा का इतिहास है कि इतनी ज्यादा संख्या में विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करना एक अध्यक्ष को कितना भारी लगता है, कितना दुखी मन होता है। लेकिन क्या करें सदस्य खुद इस्तीफा दे रहे हैं।

- मध्य प्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस्तीफे मेरे सम्मुख नहीं आए बल्कि मेरे कार्यालय के पास भेजे गए। विधायकों ने मेरे सम्मुख पेश नहीं हुए जबकि मैं मध्य प्रदेश में ही था। विधायक कोर्ट में कह रहे हैं कि हम सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए और इस्तीफे स्वीकार करने की मेरी सीमा है।

- प्रजापति ने बताया कि अब तक 23 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए गए है। बीजेपी के विधायक शरद कुमार का इस्तीफा आज स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि शरद कुमार ने मेरे सामने इस्तीफा दिया था। 17 मार्च को शरद ने जो पत्र मेरे ऑफिस में दिया था वह किसी के दवाब में दिया था।

- मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता पी.सी.शर्मा: इस बार इन्होंने(भाजपा) 'होर्स ट्रेडिंग' नहीं की, 'ऐलिफेंट ट्रेंडिग' की है। हम बहुमत सिद्ध करेंगे, हमारे पास फॉर्मूला 5 है। 12 बजे खुलासा करेंगे कि 16 विधायकों को किस तरह से बंधक बनाया गया।

- पीसी शर्मा ने कहा यह खुलासा किया जाएगा कि कैसे पोहरी विधायक सुरेश धाकड़ की बेटी ने शिवपुरी में आत्महत्या की। यह खुलासा किया जाएगा कि कैसे कुरवाई विधायक को उनके भतीजे की मृत्यु होने पर भी जाने की अनुमति नहीं दी गई। यह सत्ता की भूख है।

- RJD नेता मनोज झा ने कहा कि कमलनाथ सरकार इस्तीफा नहीं दे रहा है लोकतंत्र इस्तीफा दे रहा है, जनतंत्र इस्तीफा दे रहा है और ये जो अश्वमेध यज्ञ करके पूरे देश में एक रूपी सरकार बनाने चाहते हैं एक दिन ये भुगतेंगे।

विधानसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आज दोपहर दो बजे विधानसभा का सत्र बुलाया है। देर रात को विधानसभा सचिवालय ने कार्यसूची जारी कर दी है। सत्र से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया है। राजनीतिक घटनाक्रम के बीच होने वाले इस संवाददाता सम्मेलन को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि कमलनाथ कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। 

क्या है मध्य प्रदेश विधानसभा का अंकगणित
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दी है। वर्तमान में विधानसभा का अंकगणित भाजपा के पक्ष में नजर आ रहा है, क्योंकि विधानसभाध्यक्ष एन. पी. प्रजापति ने कांग्रेस के 16 और विधायकों के इस्तीफे गुरुवार की देर रात को मंजूर कर लिए। विधानसभा में 230 विधायक संख्या है, जिनमें से 24 स्थान रिक्त है। 206 विधायकों के सदन में बहुमत के लिए 104 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। कांग्रेस के 92 और सपा, बसपा व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह आंकड़ा 99 तक ही पहुंचता है। 

कांग्रेस की मौजूदा कमलनाथ सरकार इस समय अल्पमत में है, क्योंकि उनके कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और अजय रस्तोगी की पीठ ने यह आदेश पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की रिट याचिका पर दिया। चौहान का आरोप था कि राज्य सरकार अल्मपमत में है क्योंकि कांग्रेस के 20 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद कमलनाथ सरकार में बने हुए हैं। 

न्यायालय ने मध्य प्रदेश विधानसभा सचिव को आदेश दिया कि इस दौरान सुनिश्चित किया जाए कि कानून व्यवस्था खराब नहीं हो। पीठ ने विधानसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए। 

बागी विधायकों की सुरक्षा के आदेश :  न्यायालय ने मध्य प्रदेश और कर्नाटक के पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया कि कांग्रेस के 16 बागी विधायक अगर विधानसभा में शक्ति परीक्षण में शामिल होना चाहते हैं तो उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसके पहले बुधवार को कोर्ट ने स्पीकर से पूछा था कि वह विधायकों के इस्तीफे पर फैसला क्यों नहीं ले रहे हैं। 

स्पीकर ने वीडियो कान्फ्रेंस के सुझाव को ठुकराया: 
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को शक्ति परीक्षण का निर्देश देने से पहले सुझाव दिया था कि उन्हें बागी कांग्रेस विधायकों से वीडियो लिंक के जरिये बात करनी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि विधायकों के बंधक बनाए जाने के भय को दूर करने के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकती है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस पर शीर्ष अदालत ने स्पीकर से कहा कि वे 16 बागी कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय एक दिन के अंदर लें। 

राज्यपाल के पास सीमित शक्ति : 
अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के लिहाज से राज्यपाल के पास सीमित शक्तियां हैं। राज्यपाल को सदन सत्र को आहूत करने,अवसान करने और विधानसभा भंग करने का अधिकार है, लेकिन वह विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकते जो कि विधानसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार में आता है। राज्यपाल स्पीकर को यह नहीं बता सकते कि वह क्या करें और क्या नहीं करें, यह उनकी शक्तियों से परे है। 
 

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