मध्यप्रदेश: विधानसभा कार्यसूची में विश्वास मत का जिक्र नहीं, भाजपा नेता पहुंचे राजभवन
मध्यप्रदेश में सियासी घमासान जारी है। सोमवार (16 मार्च) से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यसूची में राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के बाद विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया का...
मध्यप्रदेश में सियासी घमासान जारी है। सोमवार (16 मार्च) से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यसूची में राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के बाद विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया का जिक्र न होने पर भाजपा नेताओं ने रविवार (15 मार्च) की रात को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की।
राज्यपाल ने शनिवार (14 मार्च) की देर रात मुख्यमंत्री कमल नाथ को एक पत्र लिखकर विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा था। उसके बाद भाजपा ने राज्यपाल से विधानसभा की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी का जिक्र किया। इस पर राज्यपाल लालजी टंडन ने रविवार को फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि भाजपा ने विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की सुविधा न होने का जिक्र किया है, अगर ऐसा है तो फिर हाथ उठाकर ही विश्वासमत की प्रक्रिया पूरी की जाए।
राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को विश्वासमत अभिभाषण के बाद हासिल करने को कहा गया था, मगर विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यसूची में सिर्फ अभिभाषण का ही जिक्र है। इस मसले पर रविवार की देर रात को भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव व मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने राज्यपाल से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। भार्गव ने राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "कार्यसूची में सिर्फ राज्यपाल के अभिभाषण का जिक्र है, जो राज्यपाल द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देश का उल्लंघन है। यह असंवैधानिक है, क्योंकि राज्यपाल संविधान के प्रमुख है। इसलिए राज्यपाल को ज्ञापन देने आए हैं।"
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इससे पहले रविवार की दोपहर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को फिर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और विधानसभा की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में तकनीकी गड़बड़ी की स्थिति से अवगत कराया। साथ ही मतदान की ऐसी प्रक्रिया अपनाने का आग्रह किया, जिससे फ्लोर टेस्ट के दौरान निष्पक्ष तौर पर मतदान हो।
भाजपा के प्रतिनिधि के तौर पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव व पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रविवार की दोपहर को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मिले। इन नेताओं ने राज्यपाल को बताया कि विधानसभा की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में खराबी की जानकारी मिली है। इस स्थिति में मतदान निष्पक्ष हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। भाजपा नेताओं का सुझाव था कि मतदान के लिए मशीन के खराब होने पर फ्लोर टेस्ट के समय हाथ उठाने की प्रक्रिया अपनाई जाए।
राज्यपाल टंडन ने मुख्यमंत्री और विधानसभाध्यक्ष को शनिवार (14 मार्च) की देर रात को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सोमवार को अभिभाषण के तुरंत बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का कहा था। मत विभाजन बटन दबाकर किया जाए और इसकी वीडियाग्राफी की जाए। भाजपा नेताओं ने शनिवार को भी राज्यपाल से मुलाकात की थी और अभिभाषण व बजट सत्र से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग की। राज्यपाल से मुलाकात कर राजभवन से बाहर निकले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “राज्य में अल्पमत की सरकार है, इसलिए राज्यपाल के अभिभाषण और बजट सत्र से पहले फ्लोर टेस्ट हो।”