MP में सियासी घमासान: देर रात राज्यपाल से मिले कमलनाथ, कहा- स्पीकर करेंगे फ्लोर टेस्ट पर फैसला
मध्यप्रदेश में सियासी घमासान जारी है। 16 मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से ठीक पहले रविवार देर रात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजभवन जाकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात...
मध्यप्रदेश में सियासी घमासान जारी है। 16 मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से ठीक पहले रविवार देर रात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजभवन जाकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। राज्यपाल से मिलने के बाद कमलनाथ ने कहा कि उन्हें राज्यपाल ने फोन कर मिलने बुलाया था। उन्होंने बताया, "विधानसभा सत्र को सुचारू तरीके से चलाने को लेकर राज्यपाल ने उन्हें फोन किया और मिलने के लिए बुलाया था। मैंने उनसे कहा कि मैं स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) से कल बात करूंगा।"
ज्योतिरादित्य खेमे के विधायकों की बगावत के बाद संकट का सामना कर रहे कमलनाथ ने कहा कि वे शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, मैंने राज्यपाल से कहा कि मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं और जो विधायक बंधक बनाए गए हैं उन्हें मुक्त कराया जाना चाहिए।"
Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath after meeting Governor Lalji Tandon: I have told Governor that I am ready for the floor test and the MLAs who have been held captive should be released. I will speak to the Speaker tomorrow about it (floor test). https://t.co/t5OkIdW9Ub
— ANI (@ANI) March 15, 2020
इससे पहले मध्यप्रदेश में जारी सियासी ऊहापोह की स्थिति के बीच मुख्यमंत्री कमल नाथ ने दावा किया है कि “भाजपा द्वारा अनैतिक और असंवैधानिक रूप से पैदा किए गए संकट के इस दौर में जीत हमारी (कांग्रेस की) होगी, हर हाल में होगी, हम सब एकजुट हैं। लोकतंत्र और प्रजातंत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमारा मनोबल शीर्ष पर है।”
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मुख्यमंत्री आवास पर रविवार (15 मार्च) की रात को हुई विधायक दल की बैठक में कमल नाथ ने कहा, “सभी पूछते हैं कि मैं संकट के इस दौर में भी मुस्कुरा क्यों रहा हूं, तो वो इसलिए कि हमारी हर हाल में जीत होगी। हम सब एकजुट हैं, मुझे अपने विधायकों पर पूरा विश्वास है और मेरी मुस्कुराहट के पीछे आप सबके चेहरों पर दिख रही मुस्कुराहट है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे विधायक जयपुर गए, हमने उन्हें बंधन में नहीं भेजा, हमने उन्हें इसलिए भेजा कि वे एक परिवारिक माहौल में एक साथ रहें। हमारे विधायक वहां घूमते रहे, मोबाइल का उपयोग बगैर रोक-टोक के करते रहे। वहीं भाजपा के नेता दिल्ली के इशारे पर कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरु में आज भी बंधक बनाकर रखे हुए हैं। उन्हें परिवार तक से बात करने की इजाजत नहीं है।”
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मालूम हो कि कांग्रेस द्वारा उपेक्षा किए जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार (10 मार्च) को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार (11 मार्च) को भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के समर्थक हैं। शनिवार (14 मार्च) को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए, जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।
इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। राज्यपाल ने सोमवार (16 मार्च) को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सरकार को विश्वासमत पर मत विभाजन कराने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा सत्र के 16 मार्च को सोमवार का दिन अहम होने के चलते कांग्रेस ने अपने विधायक जयपुर से रविवार (15 मार्च) को वापस भोपाल बुला लिए हैं, जबकि भाजपा के विधायकों के देर रात को गुरुग्राम से भोपाल लौटने की संभावना है।